Home > राज्य > मध्यप्रदेश > शिवपुरी > नेटाफिम ड्रिप इरिगेशन प्रणाली में शिवपुरी जिला अव्वल, मध्यप्रदेश के टमाटर खेती में आई क्रांति

नेटाफिम ड्रिप इरिगेशन प्रणाली में शिवपुरी जिला अव्वल, मध्यप्रदेश के टमाटर खेती में आई क्रांति

लगभग 40 प्रतिशत ज्यादा पैदावार के साथ किसानों को मिला ज्यादा लाभ

नेटाफिम ड्रिप इरिगेशन प्रणाली में शिवपुरी जिला अव्वल, मध्यप्रदेश के टमाटर खेती में आई क्रांति
X

शिवपुरी। ओर्बिया बिज़नेस एवं प्रेसिज़न कृषि समाधानों में वैश्विक लीडर, नेटाफिम कंपनी, बैटर लाईफ फार्मिंग के तहत शिवपुरी के किसानों को कृषि इनपुट पर ज्यादा खर्च किए बिना टमाटर की पैदावार बढ़ाने तथा कुल आमदनी में वृद्धि करने में मदद कर रहा है। इस अभियान के अंतर्गत जिल्हा के किसानों को ड्रिप इरिगेशन टेक्नॉलॉजी अपनाने का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। शिवपुरी जिले के खजूरी, कोलारस और पोहारी क्षेत्र में मौजूद चार बैटर लाईफ फार्मिंग (बीएलएफ) केंद्रों द्वारा ड्रिप इरिगेशन प्रणाली को किसानों के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है । नेटाफिम ने अब तक शिवपुरी जिले में 1,600 हेक्टेयर जमीन में ड्रिप इरिगेशन प्रणाली कार्यान्वित की है। यह देखा गया है की शिवपुरी जिले में जो किसान बिना ड्रिप इरिगेशन के 20 टन की पैदावार और केवल 1 लाख से 1.2 लाख कुल आय प्राप्त करता था, वह अब इस आधुनिक टेक्नोलॉजी के सहायता से प्रति एकड़ ~30 टन की पैदावार करते हुए 1.5 लाख से 2.5 लाख रुपये की कुल आमदनी कमा पा रहा है।

मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में 10 लाख हेक्टेयर की कुल उपलब्ध भूमि में से 4 लाख हेक्टेयर पर खेती की जाती है। यह जिला मध्य प्रदेश में मुख्य टमाटर उत्पादकों में से एक है। पारंपरिक तौर पर , जिले के किसान कुल 8,145 हेक्टेयर जमीन में 2.5 लाख मीट्रिक टन टमाटर उगाते हैं। टमाटर के लिए मशहूर होने के बावजूद तथा अक्सर बाजारों में टमाटर के अच्छे मूल्य होने पर भी, शिवपुरी के छोटे किसानों को टमाटर की फसलों की बेहतर पैदावार के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके सबसे बड़े कारणों में से एक टमाटर की खेती में फ्लड इरिगेशन का उपयोग है, जिससे कृषि इनपुट का खर्च बढ़ जाता है, उर्वरक की बर्बादी अधिक होती है और खरपतवार की मात्रा बढ़ने की अधिक संभावना होती है। इसके अतिरिक्त किसानों को एक समान आकार की फसल प्राप्त करने में भी कठिनाईओं का सामना करना पड़ता है। टमाटर की खेती में काफी ज्यादा पानी लगता है, खासकर पौधा लगाने के तुरंत बाद, ताकि उत्पादन की प्रक्रिया में वह अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सके। इस जरूरत को ड्रिप इरिगेशन टेक्नॉलॉजी अच्छी तरह से पूरा करता है, इसी कारण, जिल्हे के किसानों को अधिक पैदावार के साथ अपने आर्थिक वृद्धि हेतु इस टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए ग्लोबल बीएलएफ अलायंस पार्टनर, नेटाफिम अधिक से अधिक प्रोत्साहित कर रही है |

महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात में टमाटर के खेतों में ड्रिप इरिगेशन के सफल मॉडल को दोहराते हुए और खेती का एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए नेटाफिम लगातार जिले भर में ड्रिप इरिगेशन प्रणाली लागू करने का सतत प्रयास कर रहा है। ड्रिप इरिगेशन में पानी और पोषक तत्वों की नपी तुली मात्रा सही समय पर सीधे जड़ों तक पहुँचती है, जिससे किसानों को इनपुट की लागत में 25 प्रतिशत की कमी लाने और ज्यादा से ज्यादा लाभ अर्जित करने में मदद मिलती है। ड्रिप इरिगेशन द्वारा पोषक तत्व सीधे जड़ों में पहुँचते हैं, जिससे अनावश्यक बर्बादी और लागत में कमी आती है।

किसानों की सुविधा के लिए कस्टमाईज़ेशन के साथ साथ सहूलियत के लिए, कंपनी ने अपने इनोवेटिव फ्लेक्सनेट पोर्टेबल ड्रिप किट को उपलब्ध करवाया है। यह किट 1 बीघे के छोटे भूखंड तथा बड़े खेतों के लिए भी उपलब्ध है। यह ड्रिप किट बक्से में आता है और सुविधाजनक एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। किसान बिना किसी तकनीकी सहायता और श्रमिक के बगैर स्थापित कर सकते हैं। यह किट अनेक विशेषताएं प्रदान करती है। किसान द्वारा टमाटर की कटाई कर लेने के बाद किट के सब-मेन पाईप का उपयोग गेहूँ में फरो इरिगेशन के लिए भी किया जा सकता है। कंपनी के प्रयासों एवं अत्याधुनिक सूक्ष्म-सिंचाई समाधानों से किसानों का समुदाय खेती की विधि में सुधार लाने, बेहतर उत्पादकता और लाभ अर्जित करने में ओर अधिक सामर्थ्यवान हो रहे है।

Updated : 21 July 2023 2:04 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top