देश के अलग अलग इलाकों में हुआ होलिका दहन
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भोपाल/नई दिल्ली। देश के अलग अलग इलाकों में होलिका दहन कार्यक्रम शुरू हो गया है। वर्षों बाद इस बार होलिका दहन में भद्रा नहीं है यानी बहुत ही शुभ महुर्त में आज होलिका दहन हो रहा है। शाहजहांपुर में श्रीरुद्र बालाजी धाम के पंडित डा. कान्हा कृष्ण शुक्ल के मुताबिक भद्रा में होलिका दहन करने से हानि और अशुभ फल मिलते हैं। इसी भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है। होलिका दहन के दिन सुबह 6:08 मिनट से लेकर दोपहर 12:32 बजे तक भद्रा है। शुभ मुहूर्त शाम 6:22 से रात 8:49 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन से पहले विधि विधान के साथ होलिका की पूजा करें। इस दौरान होलिका के सामने पूर्व या उतर दिशा की ओर मुख करके पूजा करने का विधान है। पहले होलिका को आचमन से जल लेकर सांकेतिक रूप से स्नान के लिए जल अर्पण करें। इसके पश्चात कच्चे सूत को होलिका के चारों और तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना है। सूत के माध्यम से उन्हें वस्त्र अर्पण किये जाते हैं। फिर रोली, अक्षत, फूल, फूल माला, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। पूजन के बाद लोटे में जल लेकर उसमें पुष्प, अक्षत, सुगन्ध मिला कर अघ् र्य दें। इस दौरान नई फसल के कुछ अंश जैसे पके चने और गेंहूं, जौं की बालियां भी होलिका को अर्पण करने का विधान है।
वायरस से बचने को होलिका में डालें हवन सामग्री
होलिका दहन में प्रत्येक परिवार से आधा किलो हवन सामग्री के साथ 50 ग्राम कपूर और 10 ग्राम सफेद इलायची मिलाकर होलिका में अवश्य डालें, जिससे प्रदूषित वातावरण शुद्ध होगा, कोरोना जैसे वायरस भी नष्ट हो सकेंगे। इसके बाद प्रतिदिन सुबह गाय के गोबर से बने कंडे को जला कर अपने इष्ट का 21 बार नाम लेकर आहुति देकर हवन अवश्य करें। ऐसा करने से कोरोना जैसे वायरस से बचाओ हो सकेगा।
Swadesh Digital
स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in