सेना के जवान से हाथ मिलकर मासूम ने यह बात बोल दी
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बाढ़ का कहर जारी है और यहां मरने वाले लोगों संख्या 17 पर पहुंच गई है। राज्य में एनडीआरएफ और सेना के जवानों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से अभी तक चार लाख लोगों को बाहर निकाला है। वहीं सेना के एक जवान और बच्चे का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
महाराष्ट्र के इस वीडियो में एक बच्चा सेना के जवान को पहले सैल्यूट करता है और फिर कहता है कि आप बहुत अच्छा काम करते हो। बताया जा रहा है कि यह वीडियो महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित गांवबाग में बचाव अभियान के दौरान का है।
#WATCH A child salutes an Army personnel and tells him "aap bahut accha kaam karte ho", during rescue operations in flood-hit Gaonbagh. #Maharashtra (Source- Defence PRO) pic.twitter.com/ym1RX7TKjA
— ANI (@ANI) August 11, 2019
गुजरात में मोरबी जिले के कल्याणपुर गांव में आयी बाढ़ के दौरान दो बच्चों को कंधे पर बैठाकर वहां से निकालने वाले एक पुलिस कांस्टेबल की मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत कई लोगों ने प्रशंसा की हैं। कांस्टेबल के इस बहादुरी भरे कार्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। कांस्टेबल पृथ्वीराज सिंह जडेजा टंकारा पुलिस थाने में नियुक्त हैं। शनिवार को अन्य पुलिसकर्मियों के साथ वह कल्याणपुर गांव पहुंचे थे जहां उन्हें पता चला था कि क्षेत्र में लगातार बारिश की वजह से गांव में आयी बाढ़ में 17 बच्चों समेत 42 लोग फंसे हुए हैं।
पुलिसकर्मियों को जब पता चला कि पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है तो उन्होंने स्थानीय तैराकों और ग्रामीणों के साथ बचाव अभियान चलाया। वहां फंसे लोगों को निकालने के लिये उन्होंने अस्थायी नौका बनायी। हालांकि जडेजा ने वहां फंसे दो बच्चों को अपने कंधे पर बैठाकर ही वहां से सुरक्षित निकालने का फैसला किया। घुटने तक पानी में करीब 800 मीटर चलकर उन्होंने बच्चों को सुरक्षित जगह पहुंचाया।
उनके एक सहयोगी ने बताया कि इस दौरान जडेजा के पैर में चोट भी आयी। उनके इस सहयोगी ने उन्हें प्राथमिक उपचार मुहैया कराने में मदद की। पुलिस की टीम ने आखिरकार बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। जडेजा ने कहा, ''हमने जो कुछ भी किया वह हमारी ड्यूटी थी। मेरे दिमाग में जो बात सबसे पहले आयी वह यह थी कि कैसे 42 ग्रामीणों को बचाया जाये, जिनमें 17 बच्चे भी थे। जलस्तर बढ़ने के कारण इन सभी ने गांव में ही एक जगह शरण ले रखी थी।
उन्होंने बताया, ''हम लोग उस जगह पहुंचे और उन्हें बचाने का फैसला किया। हमने उन्हें निकालने के लिये नाव भी बनायी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी शनिवार की शाम को कांस्टेबल के इस कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री ने शाम को मुझसे बात की और कहा कि आपने तथा आपकी टीम ने जो कुछ भी किया वह तारीफ के काबिल है। ऐसे ही अच्छा काम करते रहिए...। मुझे मामूली चोट भी आयी जिसमें मेरे सहयोगी फिरोज खान पठान ने मेरी मदद भी की।
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