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भाजपा के छह विधायक एक सांसद मैदान में तो कांग्रेस से मात्र चंदेरी विधायक ने संभाला मोर्चा

उपचुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा आक्रामक मुद्रा में

भाजपा के छह विधायक एक सांसद मैदान में तो कांग्रेस से मात्र चंदेरी विधायक ने संभाला मोर्चा
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मुंगावली। उपचुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे गांव एवं शहर में चुनावी रंग चढ़ते नजर आ रहा है और नेता गांव की पगडंडियों से लेकर खेतों में बैठे नजर आने लगें हैं। भाजपा एवं कांग्रेस की बात की जाए तो चुनाव प्रचार में व जनसंपर्क में भाजपा, कांग्रेस से काफी आगे नजर आ रही है क्योंकि भाजपा की ओर से मैदान में आधा दर्जन विधायक जिनमें कृष्णा गौर, लीना जैन, उमाकांत शर्मा, हरिशंकर सप्रे, जालम पटेल, महेश राय के अलावा राज्य सभा सांसद कैलाश सोनी प्रतिदिन गांवों में पहुंचकर राज्यमंत्री और भाजपा प्रत्याशी के लिये वोट मांग रहे हैं। जनसंपर्क के दौरान यह विधायक किस तरह लोगों तक पहुंचकर पार्टी के लिये काम कर रहें हैं इसका अंदाजा पूर्व मुख्यमंत्री की पुत्रवधु विधायक कृष्णा गौर की एक तस्वीर को देखकर लगाया जा सकता हैं कि वह सडक़ किनारे एक खेत में कुर्सी डालकर कुछ लोगों से चर्चा करतीं नजर आ रहीं हैं। इसके अलावा भी जो विधायक व नेता जनसंपर्क के लिये निकल रहे हैं वह भी सुबह से देर रात तक लोगों के बीच रहकर बृजेन्द्र यादव के लिए समर्थन जुटाते नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस की ओर से मात्र डग्गी राजा मैदान में:

एक ओर जहां भाजपा के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक व संासद क्षेत्र में हैं, वहीं बात की जाए कांग्रेस की तो इनकी ओर से अभी तक वन मैन शो चंदेरी विधायक के रूप में चल रहा हैं। वही गांव-गांव पहुंचकर कंाग्रेस प्रत्याशी के लिये वोट मांगते नजर आ रहे हैं। इनके अलावा देखा जाए तो सचिन यादव भले ही यहां प्रभारी के रूप में महीनों से जमे हैं लेकिन वह अभी तक ग्रामीण क्षेत्र में सतत जनसंपर्क करने नहीं निकले हैं। ऐसे में गांव-गांव पहुंचकर लोगों तक पार्टी की बात पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी चंदेरी विधायक ही निभाते नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ता व प्रत्याशी बहा रहे पसीना:

नेताओं को छोडकर यदि प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं की बात करें तो मुकाबला कड़ा नजर आ रहा है और भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों के साथ साथ कार्यकर्ता भी दिन-रात एक करते देखे जा रहे हैं लेकिन यहां भी भाजपा के कार्यकर्ताओं की संख्या कांग्रेस से ज्यादा नजर आती हैं। वहीं प्रत्याशियों की बात की जाए पहले से ज्यादा समर्थन मिलता नजर आ रहा हैं। काग्रेंस के प्रत्याशी कन्हैयाराम लोधी को भी गांव-गांव में लोगों का समर्थन मिल रहा हैं। जिसको देखकर कहा जा सकता हैं कि मुंगावली का मुकाबला काफी कड़ा हैं ओर आने वाले दिनों में जो ज्यादा मेहनत कर लेगा और जितने ज्यादा नेता लोगों के बीच पहुंचकर पार्टी की नीति-रीति को पहुंचा पाएंगे। सफलता उसी के हाथ होगी। फिलहाल इस सीट पर पूर्व की तरह मुकाबला कश्मकस भरा हो चुका है।

चुनाव के तराजू पर तौली जा रही कमजोरी-मजबूती:

यदि दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों की कमजोरी और मजबूती की बात की जाए तो भाजपा के बृजेन्द्र यादव की सबसे बड़ी मजबूती तीन साल में तीसरा चुनाव लडऩा है। क्योंकि इसके चलते वह लगातार गांव-गांव पहुंचकर लोगों से सीधे संपर्क में हैं और लोगों की समस्याओं का निराकरण करवाने का भी प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा जातिगत आंकडे भी बृजेन्द्र यादव को मजबूती देते नजर आते हैं। तो इनकी कमजोरी की बात की जाये तो दो बार विधायक चुनने के बाद भी लोगों कीे समस्याओं का निराकरण न करा पाना इनकी कमजोरी कही जा सकती है। वहीं काग्रेंस प्रत्याशी कन्हैयाराम लोधी की बात की जाए तो पंचायत स्तर की राजनीति करना व ग्रामीण परिवेश इनकी मजबूती कही जा सकती है तो विधानसभी क्षेत्र के लोगों तक कम पहुंच इनकी कमजोरी कही जा सकती हैं।

Updated : 12 Oct 2021 11:22 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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