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104 वर्ष के नन्ना जी हैं देश के सबसे वरिष्ठ पूर्व विधायक

104 वर्ष के नन्ना जी हैं देश के सबसे वरिष्ठ पूर्व विधायक
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देश के सबसे वरिष्ठ पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण गुप्ता का जन्म 6 जून 1918 को ईसागढ़ जिला अशोकनगर नामक स्थान पर हुआ था। आप के पिता का नाम पन्नालाल गुप्ता था। आप सामान्य परिवार से थे ,और आजीविका के लिए पिछोर जिला शिवपुरी में परिवार सहित बस गए ।वहां सबसे पहले आप ने न्याय विभाग में सेवा की साथ ही साथ अपना शिक्षण भी जारी रखा। आपकी मेहनत और लगन से शीघ्र ही आपकी ख्याति एक प्रसिद्ध विधिवेत्ता के रूप में होने लगी। 1940 के दशक में आपने सावरकर जी के विचारों से प्रेरणा लेकर हिंदू महासभा की शिवपुरी जिले की कमान अपने हाथों में संभाल ली। सावरकर जी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ हिंदू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे। 1945 में आपके नेतृत्व में पिछोर में संत पांचगांवकर जी ने विशाल हिंदू जागरण यज्ञ किया जिसमें 25000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। 1948 में गांधी हत्याकांड के समय पहली बार आप गिरफ्तार हुए ।1949 में आप जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के डायरेक्टर बने। देश के पहली विधानसभा 1952 के आम चुनाव में चुनाव हिंदू महासभा के प्रत्याशी के रूप में 700 वोटों से चुनाव जीते। उस समय तत्कालीन मध्य भारत की राजधानी ग्वालियर ही थी और मोती महल स्थित विधानसभा में आपने पहली बार विधायक की शपथ ली। इस प्रकार नन्ना जी देश के सबसे वरिष्ठ पूर्व विधायक हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आव्हान पर कश्मीर आंदोलन में भाग लेते हुए दिल्ली में सत्याग्रह करते हुए गिरफ्तार हुए।पहले तिहाड़ जेल और बाद में फिरोजाबाद की जेल में रहे।उनकी संघर्ष यात्रा यहीं नहीं रुकी और आप उसके बाद गोवा आंदोलन में भी जेल गए। कुल मिलाकर 6 बार आपने जेल यात्रा की। इस प्रकार श्री लक्ष्मी नारायण गुप्ता को ईमानदारी संघर्ष और योग्यता का संगम कहा जाए तो गलत नहीं होगा।

बांध बनाए जाने की मांग-

आपने शिवपुरी दतिया जिले के लिए अति महत्वपूर्ण उर नदी पर बांध बनाए जाने की मांग पहली बार 1968 में की थी। सरकारें आती-जाती रही ना जी की और नदी पर बांध बनाए जाने की मांग यथावत रही और वह समय भी आया जब अप्रैल 2018 में शिवराज सिंह की सरकार द्वारा इस परियोजना को मंजूरी दी गई। नन्ना जी की कर्मठता इसी बात से मानी जा सकती है कि वह इस आयु में भी विगत 3 वर्षों से लगातार उर नदी के कार्य प्रगति को देखने अवश्य जाते हैं। नन्ना जी ने एक तरफ सावरकर जी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीन दयाल उपाध्याय जैसे चिंतकों के साथ किया वहीं दूसरी ओर जनप्रिय अटल जी एवं राजमाता सिंधिया के विश्वसनीय सहयोगी रहे। राजमाता सिंधिया तो उन पर विशेष विश्वास करती थी और उनकी ज्यादातर ट्रस्टों में वह मुख्य सलाहकार होते थे।

शिक्षित व्यक्ति ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकता है -

उन्होंने बच्चों की शिक्षा का महत्व समझते हुए स्वयं के प्रयासों से सन साठ के दशक में कॉलेज की स्थापना की। उस समय जब जिला मुख्यालय पर भी कॉलेज नहीं हुआ करते थे तब पिछोर में बीएससी और एमएससी हो रही होती थी। इसी कारण पिछोर और आसपास के क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सदैव ऊंचा था जिसका पूरा श्रेय नन्ना जी को जाता है। आपको राजस्व मंत्री रहते हुए मध्य प्रदेश राजस्व संहिता में और राजस्व विभाग में कई सुधारों के लिए जाना जाता है ।नन्ना जी के व्यक्तित्व का आलम यह था कि 1967 के आम चुनाव में नन्ना जी ने कांग्रेसी उम्मीदवार को उस समय रिकॉर्ड 24000 वोटों से हराया था। कांग्रेसी उम्मीदवार को केवल 5000 वोट मिले थे और उसकी जमानत भी जप्त हो गई थी। नन्ना जी को 29000 वोट प्राप्त हुए थे। 1990 के आम चुनाव में भी नन्ना जी ने कांग्रेसी उम्मीदवार को लगभग 22000 रिकॉर्ड मतों से हराकर मध्य प्रदेश की एक रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी। जिन चुनाव में नन्ना जी चुनाव हारे हुए हैं उनमें हार जीत का अंतर केवल हजार से दो हजार वोट रहा है। जिससे समझ में आता है कि नन्ना जी की लोकप्रियता और जनता से जुड़ाब बहुत गहरा रहा। नन्ना जी ने अपने जीवन के 104 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं ।आज भी नन्ना जी पूर्ण स्वस्थ हैं, चेतना के साथ समाजसेवी की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। उनकी जीवन यात्रा को सभी सार्थक और आदर्श जीवन यात्रा मानते हैं।

हर वक्त की मदद के लिए तैयार -

कोरोना काल में भी नन्ना जी उत्साह से भरे रहे। प्रतिदिन रामायण का पाठ करते हुए उन्होंने संतुलित आहार पर विशेष बल दिया। नन्ना जी गंभीर बीमार हुए लेकिन अपने दम पर स्वस्थ हुए। बिना चश्मे के आज भी अध्ययन करते हैं। विधानसभा की लाइब्रेरी की सर्वाधिक किताबें नहीं पड़ी है। इस आयु में भी वह बिना लाठी के सहारे चलते हैं। और उससे भी बढ़कर है कि दरवाजे पर आए हर वक्त की मदद के लिए तुरंत खड़े हो जाते हैं बताओ कहां चलना है और आज भी उनको लोग कलेक्ट्रेट बल्लभ भवन में किसी व्यक्ति की मदद के लिए घूमते हुए देखते हैं। हम ग्वालियर चंबल के निवासी सौभाग्यशाली हैं कि देश की पहली विधानसभा के सदस्य रहे सबसे वरिष्ठ राजनेता हमारे क्षेत्र के हैं। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नन्ना जी से बात करके उनका कुशल क्षेम पूछा था, साथ ही भोपाल आने पर उनसे भेंट करने का वायदा भी किया था। ऐसे आदर्श व्यक्ति की केवल जय जय कार से काम नहीं चलता, बल्कि उनका सच्चा सम्मान तभी होगा हम उनके दिखाए संघर्ष, ईमानदारी और जन कल्याण के मार्ग पर चलेंगे।

संकलन - ज्योति धर्मेंद्र गुप्ता

Updated : 6 Jun 2021 11:55 AM GMT
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Prashant Parihar

पत्रकार प्रशांत सिंह राष्ट्रीय - राज्य की खबरों की छोटी-बड़ी हलचलों पर लगातार निगाह रखने का प्रभार संभालने के साथ ही ट्रेंडिंग विषयों को भी बखूभी कवर करते हैं। राजनीतिक हलचलों पर पैनी निगाह रखने वाले प्रशांत विभिन्न विषयों पर रिपोर्टें भी तैयार करते हैं। वैसे तो बॉलीवुड से जुड़े विषयों पर उनकी विशेष रुचि है लेकिन राजनीतिक और अपराध से जुड़ी खबरों को कवर करना उन्हें पसंद है।  


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