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इंदौर में पकड़ी गई सबसे बड़ी टैक्स चोरी, जीएसटी ने 1378 करोड़ की वसूली का दिया नोटिस
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इंदौर। डायरेक्टोरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस इंदौर में ऑपरेशन कर्क पर काम कर रही है। इस जांच में अब तक जो खुलासे हुए है। वह बेहद चौकाने वाले है। जिसमें खुलासा हुआ की किस प्रकार फैक्ट्री मालिकों ने अधिकारीयों के साथ मिलकर 2022 करोड़ रूपए की कर चोरी की है।
दरअसल, जीएसटी इंटेलिजेंस को मेसर्स एलोरा टोबैको कंपनी लिमिटेड द्वारा दो वर्षों तक कम टैक्स भरने के कारण संदेह हुआ। इसके बाद जून 2020 के तीसरे सप्ताह के दौरान कंपनी से जुड़े 5 परिसरों में सर्च अभियान चलाया गया।जहां कई गड़बड़ियां सामने आई। इस जाँच से पता चला की कंपनी स्थानीय अधिकारियों की मदद से सिगरेट के अवैध उत्पादन से अब तक 76 करोड़ की एक्साइज ड्यूटी और 1946 करोड़ की जीएसटी व सेस चोरी की है। इस मामले में 76 अधिकारीयों की भूमिका पर जीएसटी इंटेलिजेंस ने संदेह जताया है। वहीँ 11 अधिकारीयों के बयान दर्ज किए है।
ऐसे की चोरी -
जीएसटी इंटेलिजेंस ने जांच में पाया की इन 11 अधिकारीयों में से 3 की ड्यूटी आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में कंपनी में थी। इन्होने अपनी रिपोर्ट में फैक्टरी में लगी सात मशीन में से दो में लगातार उत्पादन कम होना बताया। दिन के 24 घंटों में से सिर्फ आधा-एक घंटा ही काम करते हुए बताया। इन मशीनों के लिए रिपोर्ट में ब्रेकडाउन टाइम, टाइम टेकन फार रिपेयर।
40 हजार सिगरेट प्रति घंटा -
वहीँ मशीन संख्या 3 से लेकर सात तक को सितंबर 2016 से लगातार टेस्ट एंड ट्रायल पर दर्शाया गया। नियमानुसार उत्पादन ना करने वाली इन मशीनों को सील किया जाना चाहिए था लेकिन रिपोर्ट में खराब दिखाकर लगातार उत्पादन होता रहा। बताया जा रहा है की कंपनी ने मशीन एक व दो के लिए औसतन 300 सिगरेट प्रति घंटे और तीन से सात के लिए 100 सिगरेट प्रति घंटे ही उत्पादन अधिकारीयों को बताया है। जबकि इन मशीनों की वास्तविक उत्पादन क्षमता 40 हजार सिगरेट प्रति घंटा है।
1378 करोड़ रूपए का नोटिस -
रिपोर्ट में हुई अधिकारियो द्वारा की गई लापरवाही और गड़बड़ियों से ये मामला उजागर हुआ। ड्यूटी पर तैनात सभी अधिकारीयों में एक समान रिपोर्ट तैयार की। जिससे संदेह बढ़ गया। जीएसटी ने 27 लोगों पर कुल 1378 करोड़ रुपये का टैक्स और पेनाल्टी लगाकर चुकाने का आदेश दिया गया है।