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कोई पड़ोसी वार्ड ढूढ़ रहा, तो कोई रिश्तेदार को लड़ाएगा चुनाव

कई पार्षदों के वार्ड चढ़े आरक्षण की भेंट

कोई पड़ोसी वार्ड ढूढ़ रहा, तो कोई रिश्तेदार को लड़ाएगा चुनाव
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ग्वालियर,न.सं.। नगर निगम के 66 वार्डो के लिए मंगलवार को पर्चियां डालकर आरक्षण किया गया। जिसमें कई मौजूदा पार्षदों के वार्ड अनुसूचित जाति अथवा पिछड़ा वर्ग में चले जाने से उसी वार्ड से चुनाव लडऩे के अरमान अधूरे रह गए। अब ऐसे पार्षदों को आस-पड़ोस के वार्डो में जाना पड़ेगा अथवा उसी वार्ड के महिला वार्ड होने से पत्नी को मैदान में उतारेंगे। मौजूदा पार्षदों में से कृष्णराव दीक्षित, गंगाराम बघेल, धर्मेन्द्र तोमर गुड्डू, सतीश बोहरे, विकास जैन, जय सिंह सोलंकी, जगदीश पटेल, बलवीर सिंह तोमर, चतुभुर्ज धनौलिया, दिनेश दीक्षित, धर्मेन्द्र राणा, बृजेश गुप्ता, राजेश भदौरिया, खेमचंद गुरवानी, गंगा अलबेल घुरैया, बाबूलाल चौरसिया, घनश्याम गुप्ता, हरीपाल, सुजीत सिंह भदौरिया, करूणा स्वतंत्र सक्सैना अपने मौजूदा वार्डो से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसी के साथ 2014 के चुनाव में जो नेता अपने वार्ड आरक्षण की भेंट चढ़ जाने के कारण चुनाव नहीं लड़ पाए थे। अब उनके वार्ड में अनुकूल पर्चियां डलने से वे चुनाव लडऩे के योग्य हो गए है। जिलाधीश कार्यालय में जैसे ही वार्ड क्रमांक एक से 66 तक की पर्चियां निकलना शुरु हुई, तो इसी इंतजार में बैठे दावेदार कुछ मायूस हुए, तो कुछ खुश भी हुए। आरक्षण की प्रक्रिया में अनुसूचित जनजाति,एसटी वर्ग को कोई फर्क नहीं पड़ा। उनकी पहले भी एक सीट थी और इस बार भी वही सीट रहेगी।

यह रहा आरक्षण

-अनुसूचित जनजाति: वार्ड-6

-अनुसूचित जाति (महिला) वार्ड-11, 17, 28,36,37,39

-अनुसूचित जाति(पुरूष) वार्ड- 16,22,23,60,61

-पिछड़ा वर्ग (महिला) वार्ड-2,5,9,20,21,27,59,62,65

-पिछड़ा वर्ग(पुरूष) वार्ड- 13,15,24,31,38,46,52,63

-सामान्य वर्ग(महिला) वार्ड-1,7,8,10,12,14, 19,25,26,41,42,44,48,49,51,54,58,66

-सामान्य वर्ग(पुरूष) ५,4,18,29,30,32,33,34,35,40,43,45,47,51,53,55,56,57,64

खुद नहीं, तो पत्नी सही

मौजूदा पार्षदों के वार्ड बदलने से उनकी स्थिति भी बदल गई है। या तो वे पड़ोस के वार्ड से लड़ेंगे, अथवा पत्नी को भी मैदान में उतार सकते है। वार्ड एक सामान्य महिला होने से जगत सिंह कौरव चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस वार्ड से चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के सतेन्द्र शर्मा भी बाहर हो गए है। यह दोनों नेता अब अपनी पत्नियों को मैदान में उतार सकते है। वार्ड चार से गौरी रिंकू परमार पार्षद रही है। यह वार्ड पिछड़ा वर्ग होने से वे और उनके पति रिंकू परमार यहां से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। वार्ड नौ अनुसूचित पुरूष होने से कांग्रेस के विकास जैन व भाजपा के जय सिंह सोलंकी को धक्का लगा है। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित का वार्ड 12 सामान्य महिला हो जाने से वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। पत्नी को अवश्य उतार सकेंगे। वार्ड 13 पिछड़ा वर्ग पुरूष होने से धर्मेन्द्र तोमर का रास्ता बंद हो गया है। वार्ड 15 पिछड़ावर्ग पुरूष हो जाने से माकपा की ऊषा गोस्वामी और उनके पति रामविलास गोस्वामी के लिए भी मुसीबत आ गई है। वार्ड 19 महिला सामान्य होने बलवीर सिंह तोमर पत्नी को मैदान में उतार सकते है। वार्ड 21 पिछड़ा वर्ग महिला होने से चतुर्भुज धनौलिया स्वयं चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। वे अपनी पत्नी को उतारेंगे। वार्ड 24 पिछड़ा वर्ग पुरूष हुआ है, इससे भाजपा के दिनेश दीक्षित की मुसीबतें बढ़ गई है। वार्ड 26 अनारक्षित महिला होने से धमेन्द्र राणा अपनी पत्नी को चुनाव में उतार सकते है। वार्ड 34 सामान्य वर्ग पुरूष हुआ है, इसीलिए यहां से ज्योति तोमर के पति रवि तोमर दावेदारी कर सकते है।

वार्ड 38 पिछड़ा वर्ग पुरूष होने जाने से पूर्व सभापति राकेश माहौर स्वयं चुनाव लड़ सकते है।

वार्ड 42 सामान्य महिला होने से गंगाराम बघेल को यह वार्ड छोड़ और किसी वार्ड में जाना पड़ेगा। वहीं अनिल साखला अपनी पत्नी को मैदान में उतार सकते है। वार्ड 43 सामान्य होने से भाजपा के मुन्नेश जादौन और कांग्रेस के शम्मी शर्मा का रास्ता साफ हो गया है। किंतु श्री शर्मा की अस्वस्थता के कारण वे अपनी पत्नी को ला सकते है। वार्ड 44 सामान्य महिला हुआ है, यहां से दोनों ही दल के नेता अपनी पत्नियों को मैदान में लाएंगे। वार्ड 45 सामान्य हुआ है, यहां से विधायक सतीश सिकरवार अपनी पत्नी को ला सकते है। वहीं कुसुम शर्मा भी चुनाव लड़ सकतीे है।

वार्ड 46 पिछड़ा वर्ग पुरूष होने से लगातार निर्दलीय चुनाव जीत रहे घनश्याम गुप्ता के लिए यहां से चुनाव लडऩा संभव नही है। वार्ड 47 सामान्य होने से कांग्रेस के आनंद शर्मा और भाजपा के राजेन्द दंडोतिया के लिए रास्ते खुल गए है। वार्ड 48 सामान्य महिला होने से सतीश बोहरे के रास्ता बंद हो गया है। वे अपनी पत्नी को उतार सकते है। वार्ड 50 सामान्य हो जाने से इस वार्ड से सुधीर गुप्ता की संभावनाएं जाग गई है। इस वार्ड से सतीश बोहरे और बलराम ढींगरा भी आ सकते है। वहीं वार्ड 51 सामान्य महिला होने कांग्रेस के हरिपाल अपनी पत्नी को चुनाव के लिए इस वार्ड से ला सकते है। वार्ड 53 सामान्य होने से खुशबू गुप्ता का रास्ता साफ है। वहीं सुजीत भदौरिया भी यहां आ सकते है।

वहीं वार्ड 54 सामान्य महिला होने से नीलिमा शिंदे को चुनाव लडऩे में कोई दिक्कत नहीं है। वार्ड 56 सामान्य होने से यहां विधायक सतीश सिकरवार किसी समर्थक या अपने परिवार से किसी को मैदान में उतार सकते है। वार्ड 57 सामान्य होने से अवधेश कौरव चुनाव लड़ सकते है।

Updated : 12 Oct 2021 11:14 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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