Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > पीएचई अपडेट: पीएचई में अपनों को बांट दिए 75 करोड़ के टेंडर !

पीएचई अपडेट: पीएचई में अपनों को बांट दिए 75 करोड़ के टेंडर !

पीएचई में अपनों को बांट दिए 75 करोड़ के टेंडर,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को यदि घोटालों का विभाग कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

पीएचई अपडेट: पीएचई  में अपनों को बांट दिए 75 करोड़ के टेंडर !
X

ग्वालियर,न.सं.। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को यदि घोटालों का विभाग कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। हाल ही में वरिष्ठ यंत्रियों ने सारे नियम कायदे तोडक़र 75 करोड़ रुपए के नौ टेंडर अपनों को बांटने का कारनामा किया है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, पीएचई मंत्री, प्रमुख सचिव एवं ईएनसी से की गई है। खास बात यह है कि जिस वरिष्ठ यंत्री के खिलाफ शिवपुरी में रहते घोटालों को लेकर लोकायुक्त में जांच चल रही है उन्हीं के द्वारा ऐसा किया गया है।

विभाग के सूत्रों के मुताबिक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के परिक्षेत्र ग्वालियर के मुख्य अभियंता कार्यालय द्वारा जल जीवन मिशन खंड ग्वालियर को लगभग 75 करोड़ रुपए में नौ निविदाएं बुलाने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर अधीक्षण यंत्री द्वारा 13 अप्रैल 2023 को विज्ञप्ति का प्रकाशन कर 2023, पीएचईडी 266198,266199,2 661200,266201, 266202, 266203,266205, 266206, 266207 आनलाइन निट बुलाई गई। बस इसके बाद से ही यंत्रियों और चहेते ठेकेदारों के बीच सांठगांठ का खेल शुरू हो गया। शुरू में दो माह तक तो यह लोग इसी बात पर मंथन करते रहे कि किस ठेकेदार को कौन सी निविदा दिलाई जाए। साथ ही जो इनकी शर्तों पर खरे नहीं उतरते उन्हें बाहर किए जाने का रास्ता भी बनाया जाने लगा। तत्पश्चात परिक्षेत्र ग्वालियर कार्यालय की निविदा समिति द्वारा पात्र फर्मों को भी अनावश्यक कारण बताकर आपात्र करने का कारनामा किया। जिस फर्म को पात्र किया गया उसमें अधीक्षण यंत्री प्रोक्योरमेंट ग्वालियर द्वारा ऊंचा खेल किया गया। यानी कि निविदा क्रमांक 266205 की पात्रता स्वास्तिक कन्ट्रक्शन की बन रही थी इसीलिए उसमें अनुभव की बात अलग से जोडक़र उसे बाहर करते हुए अपने रिश्तेदार बीके कन्ट्रक्शन फर्म को निविदा देने का काम किया गया। इस निविदा की लागत 7 करोड़ रुपए बताई गई है। ऐसा ही कुछ निविदा क्रमांक 266-1, 2 66207, 266201 में भी अनावश्यक कमियां निकालकर अपनों को उपकृत करके किया गया। मजेदार बात यह है कि जिन ठेकेदारों को काम मिला उनके कागजातों में भी यही कमियां थी किंतु अधिकारियों ने गलत तरीके से टेंडर खोलकर स्वीकृत करते हुए मुख्य अभियंता की ओर भेजने का काम किया है। इस सिलसिले में पीडि़त ठेकेदार न सिर्फ मामले को उच्च न्यायालय में ले जा रहे है बल्कि उन्होंने भोपाल में ईएनसी संजय अंडमान से भी इसकी शिकायत की है। एक ठेकेदार चंद्रकांत शर्मा का कहना है जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना है, इसमें जिस तरह से अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया है उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होना ही चाहिए। इसके लिए प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता भोपाल को कमेटी बैठाकर निष्पक्षता के साथ जांच कराना चाहिए। जब इस मामले में अधीक्षण यंत्री बीके छारी से मोबाइल पर चर्चा करना चाही तो उनका मोबाइल नहीं उठा।

Updated : 24 July 2023 8:58 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Web

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top