भगवान विष्णु क्षीर सागर में करेंगे शयन, बंद रहेंगी शहनाई
देवशयनी एकादशी गुरुवार से भगवान विष्णु पांच मास 148 दिन के लिए शयन करेंगे। विष्णु मंदिरों में गुरुवार को सुबह भगवान का अभिषेक कर नवीन वस्त्र धारण कराए गए । माखन मिश्री का भोग लगाया गया । साथ ही संध्या आरती के बाद प्रभु को शयन कराया जाएगा।
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ग्वालियर | देवशयनी एकादशी गुरुवार से भगवान विष्णु पांच मास 148 दिन के लिए शयन करेंगे। विष्णु मंदिरों में गुरुवार को सुबह भगवान का अभिषेक कर नवीन वस्त्र धारण कराए गए । माखन मिश्री का भोग लगाया गया । साथ ही संध्या आरती के बाद प्रभु को शयन कराया जाएगा। भक्तों ने दिनभर उपवास रखकर भजन कीर्तन के साथ भगवन की आराधना में लीन रहे । चातुर्मास की शुरुआत के साथ ही मांगलिक कार्यों पर विराम भी लग गया । ज्योतिर्विदों के अनुसार देवप्रबोधिनी एकादशी 23 नवंबर तक श्रीहरि विष्णु योगनिद्रा में रहेंगे। इस बार अधिकमास होने से श्रावण भी 30 के बजाय 59 दिन का होगा।
कार्यों पर लगेगा विराम-
19 साल बाद श्रावण में अधिकमास इस बार 19 साल बाद श्रावण में अधिकमास का संयोग बन रहा है। अधिकमास जिस महीने के साथ जुड़कर आता यह दो महीने का हो जाता है। मास 4 जुलाई से 31 अगस्त तक 59 दिन रहेगा। इसमें से 18 जुलाई से 16 अगस्त क श्रावण अधिक मास रहेगा। इस दौरान आठ सोमवार 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई ,31 जुलाई, 7 अगस्त,14 अगस्त, 21 अगस्त ,28 अगस्त रहेंगे।
क्यों होता है अधिकमास-
सौर वर्ष और चंद्र वर्ष में लगभग 11 दिन का अंतर होता है। इस तरह तीन साल में यह अंतर 30 से 33 दिन का हो जाता है। इस अंतर को समायोजित करने के लिए हर तीन साल में एक अतिरिक्त मास जोड़ा जाता है। इसे पुरुषोत्तम या अधिकमास कहते हैं। इस बार इसका समायोजन श्रावण में हो रहा है।
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