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सुबह बूंदाबांदी, शाम को हुई तेज बारिश

गले 24 घण्टे के दौरान भी हो सकती है बारिश, बारिश के साथ ओलों की बौछार भी गिरी

ग्वालियर, न.सं.

मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल बदल गया है। बुधवार शाम से रुक-रुककर बारिश हो रही है, लेकिन बारिश के साथ ओलों की हल्की बौछार भी गिरी, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि अधिक ओलावृष्टि हुई तो फसलों को नुकसान होगा। मौसम में आए इस बदलाव के पीछे मौसम विज्ञानी राजस्थान में बने चक्रवात का असर बता रहे हैं। इस चक्रवात के प्रभाव से अगले 24 घण्टे के दौरान भी ग्वालियर-चम्बल अंचल में बारिश का क्रम जारी रह सकता है। इसके साथ ही कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की भी संभावना जताई जा रही है।

मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिमी राजस्थान में ऊपरी हवाओं का एक चक्रवात बना हुआ है, जिसके असर से ग्वालियर-चम्बल अंचल में भी मंगलवार से ही बादल छाए हुए थे। इसी के चलते बुधवार को सुबह करीब साढ़े सात बजे 10 से 15 मिनट तक बूंदाबांदी हुई। इसके बाद दिन में हल्की धूप भी निकली। शाम करीब पांच बजे बादलों का घनत्व बढ़ा तो बूंदाबांदी शुरू हो गई। इसके बाद करीब पौने छह बजे से लगभग 15 मिनट तक तेज बारिश हुई। रात करीब सवा आठ बजे के करीब एक बार फिर तेज बारिश हुई। इस दौरान शहर में 3.9 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। इसके बाद देर रात तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में बना चक्रवात काफी स्टोंग है क्योंकि इस सिस्टम को अरब सागर से काफी नमी मिली रही है। इस सिस्टम का असर अगले 24 घण्टे के दौरान भी रहेगा। इसके चलते बारिश का क्रम जारी रह सकता है। इसके अलावा ग्वालियर व चम्बल अंचल में कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की भी संभावना बनी हुई है।

चार मिली मीटर हुई बारिश

मौसम विभाग के अनुसार शहर में आज रात्रि 8:30 बजे तक करीब चार मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। खास बात यह रही कि दिन भर बादल छाए रहने के बाद भी आज दिन के तापमान में काफी वृद्धि दर्ज की गई। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में बुधवार को अधिकतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के साथ 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 3.0 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 12.0 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहा, जो औसत से 4.0 डिग्री सेल्सियस अधिक है। इसी प्रकार सुबह हवा में नमी 93 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सामान्य से 29 प्रतिशत अधिक है, जबकि शाम को हवा में नमी 72 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी सामान्य से 36 प्रतिशत अधिक है।

फसलों को होगा फायदा

कृषि विज्ञान केन्द्र ग्वालियर के मुख्य कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजसिंह कुशवाह ने बताया कि आज हुई बारिश फसलों के लिए एक तरह से अमृत वर्षा के समान है। इस बारिश से दलहन, तिलहन, खाद्यान्न, सब्जी, मसाला आदि सभी फसलों को लाभ होगा। इस बारिश से असिंचित क्षेत्र की फसलों को तो एक तरह से जीवन दान ही मिल गया है। डॉ. कुशवाह ने बताया कि आज हुई बारिश से केवल फसलों को ही लाभ नहीं हुआ है बल्कि किसानों को भी लाभ हुआ है क्योंकि करोड़ों रुपए कीमत की बिजली व डीजल बचने के साथ सिंचाई में खर्च होने वाला पानी भी बच गया है।

घाटीगांव व चीनौर क्षेत्र में गिरे ओले


प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार शाम को पौने छह बजे से हुई तेज बारिश के दौरान ग्वालियर शहर सहित घाटीगांव एवं चीनौर तहसीलों के कुछ गांवों में ओलों की बौछार भी गिरी। कृषि विज्ञानियों के अनुसार ओले चूंकि मटर के आकार के और कम मात्रा में गिरे, इसलिए फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। बताया गया है कि चीनौर, पिपरौआ, ररुआ, बिलौआ, गढ़ी, लदेरा, चिरपुरा, जौरासी, कछौआ, एराया सहित घाटीगांव क्षेत्र के भी कुछ गांवों में मटर के आकार के ओले गिरे हैं। कृषि विज्ञानियों के अनुसार इन ओलों से फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

बारिश से बार-बार गुल हुई बिजली

बुधवार शाम को हुई बारिश का बिजली व्यवस्था पर असर पड़ा। इस दौरान शहर में तीन से चार बार बिजली गुल हुई, जिससे शहरवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

Updated : 7 Feb 2019 2:22 PM GMT
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Naveen Savita

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