राजस्थान में बना है ऊपरी हवाओं का चक्रवात
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ग्वालियर, न.सं.
मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल गया है। मंगलवार को ग्वालियर के आसमान में बादल फिर से आ डटे हैं। मौसम विज्ञानी इसे राजस्थान में बने ऊपरी हवाओं के चक्रवात का असर बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस सिस्टम के असर से अगले 24 से 48 घण्टों के दौरान ग्वालियर-चम्बल अंचल में कहीं-कहीं हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। मंगलवार को सुबह लोगों की नींद खुली तो पूरा आसमान बादलों से पटा था। दोपहर में बादलों में बिखराव शुरू हुआ तो हल्की धूप भी निकली, लेकिन हवाएं शांत रहीं। इस बजह से आज ठंड का असर कम रहा। मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समय पश्चिमी हिमालय में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसके प्रभाव से राजस्थान में ऊपरी हवाओं का एक चक्रवात (साइक्लोनिक सर्कुलेशन) बन गया है। इसी के असर से ग्वालियर-चम्बल अंचल में भी बादल आ गए हैं। इसके चलते मंगलवार को ग्वालियर जिले के घाटीगांव सहित चुनिंदा क्षेत्रों में छुटपुट बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग के अनुसार इस सिस्टम के असर से बुधवार एवं गुरुवार को ग्वालियर-चम्बल संभाग में कहीं गरज-चमक के साथ हल्की बारिश तो कहीं छुटपुट बूंदाबांदी हो सकती है। यदि बारिश हुई तो मौसम साफ होने के बाद एक बार फिर उत्तरी ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे तापमान में कमी आने के साथ ठंड का असर फिर से बढ़ेगा।
रात का तापमान चढ़ा, दिन का स्थिर
अचानक बादल आ जाने से मंगलवार को जहां रात के तापमान में उछाल आया है वहीं दिन का तापमान स्थित बना रहा। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में आज न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के साथ 11.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 3.9 डिग्री सेल्सियस अधिक है। अधिकतम तापमान भी 0.4 डिग्री सेल्सियस आंशिक वृद्धि के साथ 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह औसत से 0.9 डिग्री सेल्सियस कम है। इसी प्रकार सुबह हवा में नमी 89 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक है, जबकि शाम को हवा में नमी घटकर 60 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी औसत से 24 प्रतिशत अधिक है।
Naveen Savita
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