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NATIONAL DOCTORS DAY : कोविड में डॉक्टर्स ने भी अपनों को खोया लेकिन नहीं छोडा मैदान,ध्यान देने की जरूरत आज भी

कोरोना,हार्ट अटैक ,कैंसर जैसी खतरनाक बिमारिओं से हमें डॉक्टर ही इलाज करके बचते हैं| कोरोना काल में हर डॉक्टर हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज दिन रात करते रहे |

NATIONAL DOCTORS DAY : कोविड में डॉक्टर्स ने भी अपनों को खोया लेकिन नहीं छोडा मैदान,ध्यान देने की जरूरत आज भी
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ग्वालियर। कोविड महामारी को लोग शायद ही कभी भुला पाएंगे। उस समय लोग घर में भी सोशल डिस्टेंसिग रखकर रहने का मजबूर थे। अस्पतालों में डॉक्टर्स कोविड मरीजों का ईलाज करने में जुटे रहें। 24 से 48 घंटे लगातार काम करके मरीजों की जान बचाई। इलाज के दौरान कई डॉटर्स और नर्सों ने अपनी जान गवाकर अपने कर्तव्य का पालन किया। चिकित्सकों के सम्मान में भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस डॉ.बिधान चंद्र राय की सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है। लोगों का उपचार के लिए डॉक्टर तत्पर रहते हैं।

कोरोना समय सुने डॉक्टर्स की जुबानी

तंबाकू का न करें सेवन-

मुरार जिला अस्पताल आरएमओ डॉ.आलोक पुरोहित ने बताया की देश में कोरोना की दस्तक होने के साथ ही हमने लोगों को कोविड के लक्षणों से अवगत कराना शुरू कर दिया था। आज भी हम कोविड से जीते हुए मरीजों को स्वंय को तंबाकू से दूर रहने को कहते है क्योंकि पहले से फैफडे और इम्यूनिटी पॉवर कमजोर हो चुकी है। इसको स्वस्थ्य रखने के लिए तंबाकू का सेवन छोडना जरूरी।

बच्चों को नहीं लगाया गले-

डॉक्टर राजीव गुप्ता ने बताया की कोरोना के समय वह कई दिनों तक अपने घर नहीं गए। अपने घर में बच्चों से अस्पताल से वीडियो कॉल पर ही बात करते अगर घर भी जाते तो सोशल डिस्टेंसिंग में रहकर उनसे मिलते थे।

48 घंटे लगातार किया ईलाज-

होमोपैथी डा.कीर्ति परिहार ने बताया की 48 घंटे लगातार काम करके कई मरीजों का ईलाज करती रहीं। उस समय का मंजर आज भी याद करके बहुत दुख होता है। क्योंकि खुद को भी डर रहता था,घर जाकर परिवार से मिलने में भी भय लगता रहता था।

Updated : 1 July 2023 8:41 AM GMT
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