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दक्षिण कोरिया की कला भारतीय उपमहाद्वीप से प्रभावित व प्रेरित है: डोंग योंग

जयपुर आर्ट समिट के तीसरे दिन कलाकारों ने देवनागरी फ्यूजन व हैण्ड पेंटेट फैब्रिक कला को किया प्रस्तुत

दक्षिण कोरिया की कला भारतीय उपमहाद्वीप से प्रभावित व प्रेरित है: डोंग योंग
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ग्वालियर, न.सं.। जीवाजी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में गालब सभागार में आयोजित हो रहे जयपुर आर्ट समिट के तीसरे दिन रविवार को देश- विदेश के अलग-अलग शहरों से आए कलाकारों नेवाइल्डलाइफ ड्राइंग, देवनागरी फ्यूजन, परंपरागत आर्ट फ्यूजन, हैण्ड पेंटेट फैब्रिक कला के माध्यम से अपने हुनर को प्रदर्शित किया। वहीं दक्षिण कोरिया से आए डोंग योंग कोह ने कहा कि दक्षिण कोरिया की कला भारतीय उपमहाद्वीप से प्रभावित व प्रेरित है। कलाकारों में वाइल्डलाइफ ड्राइंग कलाकार विजय कुमावत टाइगरवाला ने केमिकल फ्री चारकोल के माध्यम से कैनवास पर चीजों का फोटो बनाया। पेंटिंग के माध्यम से वाघों को बचाने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पेंटिंग में उन्होंने किसी भी प्रकार के ब्रश का उपयोग नहीं किया। इसी तरह हैण्ड पेंटेट फैब्रिक आर्टिस्ट सुरभि सोनी ने बताया कि यह एक प्रिंट कला है इसमें सिंथेटिक का उपयोग नहीं किया जाता है। यह इकोफ्रेंडली है वह ट्रेडिशनल फैब्रिक को प्रजेंट कर रही हैं, उन्हें खादी से बेहद लगाव है। उन्होंने कई बॉलीवुड एक्ट्रेस के लिए भी बनाया है। इसके अलावा कालाकारों को प्रभात मूर्ति कला केंद्र का भ्रमण भी कराया गया। कला संग्रहालयों को देखने और समझने के प्रति दर्शकों में बढ़ती उदासीनता एवं समाधान पर प्रो.जयंत सिंह तोमर, संजीव कुमार सिंह, डॉ.शिवा श्रीवास्तव, आलोक परांडकर ने अपने विचार प्रस्तुत किए। साथ ही संजीव कुमार सिंह व क्षेत्रपाल गंगवार की पुस्तक भारतीय कला में सोलह श्रृंगार का विमोचन किया गया।

उधर तीसरे दिन के समापन अवसर पर पं.रोहन शर्मा के राग मधुवंती बड़ा ख्याल, झपताल दस मात्रा में निवद्ध रचना, तीन ताल में द्रुत ख्याल अंत में ठुमरी व पं.जगतनारायण शर्मा के पखावाज वादन में चऊताल से हुआ। इस अवसर पर जीवाजी विवि के कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी, अधिष्ठाता डॉ. एसके द्विवेदी, डॉ. केशव सिंह गुर्जर, डॉ. अमिता खरे, डॉ. संजय धवले, शैलेन्द्र भट्ट, एल्कवॉन किम,इंगर मार्गेट लार्सेन, ट्रिंक्स, वाटो, सुरेंदर सिंह, विजय कुमावत, सुरभि सोनी, आशी शर्मा सहित देश विदेश के कलाकार व फाइन आर्ट के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।

ब्राह्मी स्क्रिप्ट को किया प्रदर्शित

देवनागरी फ्यूजन आर्टिस्ट रूपाली खन्ना ने समिट में ब्राह्मी स्क्रिप्ट को प्रदर्शित किया है, जिससे देवनागरी लिपि का जन्म हुआ है। ब्राह्मी स्क्रिप्ट को स्क्रिप्ट की मदर कहा जाता है। इस दौरान उन्होंने बताया कि वह अक्षर के माध्यम से ज्ञान को प्रस्तुत कर रही हैं।

पानी के ऊपर बनाया श्रीकृष्ण का चित्र

परंपरागत आर्ट फ्यूजन आर्टिस्ट विभुकृष्ण भट्ट ने विलुप्त होती पारंपरिक सांझी कला को प्रस्तुत किया। उन्होंने पानी के ऊपर मार्बल के पाउण्ड व रंगाों का उपयोग कर श्रीकृष्ण का पर्वत उठाए चित्र बनाया। उन्होंने कहा कि यह मंदिरों में बनाई जाने वाली कला है जो, पानी के ऊपर बनाई जाती है। श्री भट्ट ने यह भी बताया कि वह अभी तक 15 विद्यार्थियों को सांझी कला का प्रशिक्षण दे चुके हैं, जिसमें से कुछ एनअरआई भी शामिल हैं। इसके अलावा उनके द्वारा प्रशिक्षित किए गए एक छात्र इसांत गौड़ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।

Updated : 19 Dec 2022 12:30 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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