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यात्रियों की सुविधाओं पर किसी का ध्यान नहीं

निरीक्षण के लिए अधिकारी तो आते हैं लेकिन... कोच डिस्प्ले बंद, प्लेटफार्म पर लगी है पुरानी समय सारिणी रेलवे स्टेशन पर जा रहे हैं तो दिव्यांग अपनी व्हीलचेयर लेकर जाएं

यात्रियों की सुविधाओं पर किसी का ध्यान नहीं
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ग्वालियर। दिव्यांगजनों को सम्मान देने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल कागजों तक ही सिमट गई है। इसे जमीन पर उतारने की कोई कोशिश नजर नहीं आ रही। यहां हम बात कर रहे हैं ग्वालियर रेलवे स्टेशन की, जहां दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर तो है, पर वह टूटी हुई है। इसी प्रकार एस्केलेटर भी हैं, पर लिफ्ट नहीं है। टिकट काउंटर भी है, पर दिव्यांगों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सीढिय़ां चढऩे में दिव्यांगों की दम फूल रहा है, जबकि डीआरएम से लेकर कई अधिकारी आए दिन निरीक्षण करने ग्वालियर स्टेशन पर आते हैं, लेकिन उन्होंने कभी यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे स्थानीय अधिकारियों से जानकारी नहीं ली। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों को व्हीलचेयर लेने में काफी मशक्कत करना पड़ रही है। इसके लिए उनके साथ आए व्यक्ति को अपने ओरिजनल आईडी कार्ड जमा करना पड़ रहे हैं। इसके बाद दिव्यांग को व्हीलचेयर मिल रही है। व्हीलचेयर लौटाने पर आईडी कार्ड वापस हो जाता है। इस चक्कर में कई दिव्यांग व्हीलचेयर नहीं ले पा रहे हैं। अधिकतर दिव्यांगों के अटेंडेंट के पास आई कार्ड नहीं होता है।

टूटी व्हीलचेयर को रस्सी से बांधकर चला रहे हैं काम

स्टेशन पर दिव्यांगों की सुविधा के लिए व्हीलचेयर रखी तो है, लेकिन उसकी हालत बहुत ही खराब है। व्हीलचयेर के पहिए टूटे पड़े हैं और रस्सियों से बांधकर कुली दिव्यांगों को प्लेटफार्म से लेकर ट्रेन तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे में दिव्यांगों के घायल होने की आशंका बनी रहती है।

आधा कि.मी. घिसटना पड़ता है दिव्यांगों को

स्टेशन पर एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए दिव्यांगों को काफी दिक्कत हो रही है। एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए उन्हें करीब आधा किलोमीटर दूरी तय करना पड़ रही है। लिफ्ट नहीं होने के कारण सीढिय़ों के सहारे जाना पड़ता है। इसमें दिव्यांगों की सांस फूल रही है।

अलग से टिकट काउंटर भी नहीं

स्टेशन पर दिव्यांगों के टिकट के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। दिव्यांगों की लाइन में आम यात्री टिकट लेने के लिए खड़े हो जाते हैं। इसके चलते दिव्यांग टिकट नहीं ले पाते हैं।

इनका कहना है

अगर व्हीलचेयर की समस्या है तो उन्हें तुरंत बदला जाएगा और जो सही हो सकती हैं, उनको ठीक कराया जाएगा।

संजय नेगी, एडीआरएम झांसी

स्टेशन पर हम लोगों के लिए अलग से कोई व्यवस्था है ही नहीं। कई बार टिकट लेने में दिक्कत होती है। इसके साथ ही एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में सीढिय़ां चढऩे में हालत खराब हो रही है। व्हीलचेयर लेने के लिए आईडी प्रूफ देना होता है, जबकि हमेशा यह संभव नहीं है कि हम लोग आईडी प्रूफ लेकर चलें।

रमेश चौहान

अक्सर ट्रेनों में आना-जाना होता है, लेकिन ग्वालियर स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है। इस ओर रेलवे प्रबंधन को ध्यान देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने जब हमें प्राथमिकता देने को कहा है तो इस पर अमल होना चाहिए।

-रोहित कुमार

Updated : 30 Aug 2018 11:31 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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