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200 बोतल और 100 किलो बेकार प्लास्टिक से 'जुगाड़ू समूह' ने बना डाली ईको ब्रिक्स बेंच

200 बोतल और 100 किलो बेकार प्लास्टिक से जुगाड़ू समूह ने बना डाली ईको ब्रिक्स बेंच
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ग्वालियर/वेब डेस्क। पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में जिले में एक नई पहल हुई है। पर्यावरण में जहर घोल रहे प्लास्टिक कचरे को अब न केवल ठिकाने लगाया जाएगा, बल्कि दैनिक उपयोग के लिए इस्तेमाल भी किया जा सकेगा। ग्वालियर में प्लास्टिक के कचरे से बेंच तैयार करने की जुगाड़ू संस्था ने पहल की है।


पर्यावरण सुधारक समूह 'जुगाड़ू समूह' ने 200 अनुपयोगी प्लास्टिक की बोतल और तकरीबन 100 किलो बेकार प्लास्टिक से मॉडल के रूप में ईको ब्रिक्स बेंच का निर्माण किया, जो कि आमजनों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन रही है। यह ब्रेंच एमएलबी महाविद्यालय के मैदान में लगाई गई है। जिसका लोकार्पण गुरुवार को नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन ने किया। श्री माकिन ने समूह के सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि अनुपयोगी एवं बेकार प्लास्टिक का इस प्रकार से उपयोग बहुत ही सराहनीय है, इसे हम सभी को मिलकर और प्रमोट करना चाहिए। ग्वालियर के पर्यावरण सुधारक ग्रुप 'जुगाड़ू समूह' की रिचा शिवहरे एवं पूजा सिंह कुशवाह और उनकी टीम मिलकर प्लास्टिक वेस्ट मटेरियल का प्रयोग कर कई वस्तुएं बनाने का काम करते हैं। लगभग दो या तीन महीने पहले उन्होंने इस कार्य को प्रारंभ किया और एक जुगाड़ू समूह बनाकर वह इस कार्य को आगे बढ़ा रही हैं। अभी हाल ही में उन्होंने प्लास्टिक वेस्ट और प्लास्टिक बोतलों से एक बेंच बनाई है, जिसे स्मार्ट सिटी ग्वालियर द्वारा विकसित एमएलबी मैदान पर लगाया गया है।


प्लास्टिक वेस्ट का अच्छे से अच्छा उपयोग हो

रिचा शिवहरे ने बताया कि संस्था का उद्देश्य है कि शहर में प्लास्टिक वेस्ट का अच्छे से अच्छा उपयोग हो सके, इसके लिए वह स्कूलों के साथ मिलकर भी कार्य करने की योजना बना रहीं हैं, ताकि स्कूली बच्चे भी इस कार्य को सीख सकें और प्रयोग में ला सकें। उन्होंने बताया कि जुगाड़ू समूह एक पर्यावरण सुधारक समूह है जिसका उद्देश्य प्लास्टिक के पुनरुपयोग एवं उक्त रिसायकिलिंग कर पुन: उपयोग किया गया है। अत: घरेलू प्लास्टिक के पुनरुपयोग के द्वारा हम बेरोजगार व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराते है एवं पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचाते हैं। ईको ब्रिक्स को बनाने का उद्देश्य ना सिर्फ प्लास्टिक का सदुपयोग करना है बल्कि वायु एवं मिट्टी के प्रदूषण एवं जानवरों के सेवन से रोकने का एक प्रयास है।

Updated : 18 Dec 2020 2:38 PM GMT
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