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भाजपा हर-हाल में जीतना चाहती है यह सीट

भितरवार से स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी को लेकर संशय

भाजपा हर-हाल में जीतना चाहती है यह सीट
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ग्वालियर। ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा सीट से लगातार दो बार से कांग्रेस के लाखन सिंह यादव जीतते आ रहे हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के लिए चौथी बार सत्ता में आने के लिए हर-हाल में यह सीट जीतना जरूरी है।

इसके लिए जातिगत समीकरणों के आधार पर अलग-अलग प्रत्याशियों के नाम सामने आ रहे हैं। यह क्षेत्र रावत बाहुल्य होने के कारण भाजपा में इस समय रावत समाज के चार-पांच दावेदार अपना दावा जता रहे हैं। जिसमें एक दावेदार यहां की बजाय शिवपुरी के होने के कारण स्थानीय दावेदार उनका विरोध कर रहे हैं। यहां बता दें कि जातिगत समीकरण की बात की जाए तो भितरवार में 24,000 रावत, 22000 किरार, 23000 कुशवाह, 14000 गुर्जर, 23000 ब्राह्मण, 28000 अनुसूचित जाति जनजाति, 16000 जाटव, और लगभग 8000 ठाकुर समाज से हैं। ऐसे में कुशवाहा और रावत समाज के इर्द-गिर्द जीत घूमती है। साथ ही ब्राह्मण मतदाता भी जीत में खासी भूमिका निभाते हैं। लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा के अनूप मिश्रा को इसलिए हार का सामना करना पड़ा, क्योंकि भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक बृजेंद्र तिवारी भी निर्दलीय मैदान में आ डटे थे। ऐसे में लाखन सिंह की लॉटरी लग गई और वे लगातार दूसरी बार विजयी हो गए। इस चुनाव में लाखन सिंह को 40578, अनूप मिश्रा को 34030, रामनिवास गुर्जर को 24556,जवाहर रावत को 17000, बृजेंद्र तिवारी को 14578 मत मिले थे। श्री तिवारी इस बार भी निर्दलीय चुनाव लडऩे के लिए पूरी तरह गांठ बांधे हुए हैं। ऐसे में भाजपा किसी ब्राह्मण पर दांव खेलेगी या नहीं यह अभी तय नहीं है। हालांकि ब्राह्मण नेताओं की बात की जाए तो यहां से अशोक पटसारिया, प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर के नाम हैं। वही रावत प्रत्याशी की बात की जाए तो शिवपुरी के रणवीर सिंह रावत का नाम भी यहां से चल रहा है। वर्तमान में वे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में आए जवाहर रावत का भी यहां से दावा हैं। इसके साथ ही जनपद अध्यक्ष भितरवार अनीता रावत के पति मोती रावत, मंडी अध्यक्ष भितरवार जितेंद्र रावत भी दावेदारी कर रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य रानी कुशवाहा एवं केशव बघेल भी मैदान में उतरने की सोच रहे हैं। यह सभी भाजपा से जुड़े हुए हैं। वर्ष 2008 के चुनाव में केशव बघेल खड़े हुए थे,तब उन्हें 20000 मत मिले थे। जहां तक रायशुमारी की बात की जाए तो उसमें भी चार- पांच प्रत्याशियों के नाम सामने आए हैं।भाजपा स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देगी या बाहरी को। यह अभी स्पष्ट नहीं है,लेकिन स्थानीय दावेदारों ने बाहरी प्रत्याशी का विरोध करना शुरू कर दिया है। जवाहर रावत, मोती रावत, केशव बघेल का कहना है कि यहां से बाहरी प्रत्याशी किसी भी हालत में नहीं जीत पाएगा। स्थानीय व्यक्ति को टिकट मिला तो सभी एकजुट होकर उसके लिए काम करेंगे।

Updated : 22 Oct 2018 1:07 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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