लंपी वायरस से गायों को बचाने लाल टिपारा गौशाला में बन रहे आयुर्वेदिक लड्डू
गौमाता को बचाने निगम के साथ कंधे से कंधा मिला रहे गौसेवक
X
ग्वालियर,न.सं.।जिले में लंपी वायरस का कहर तेजी से फैल रहा है। इस वायरस से गायों को बचाने के लिए नगर द्वारा बीमार गायों को आइसोलेशन सेंटर में ले जाने की व्यवस्था की है। साथ ही आइसोलेशन सेंटर में गायों को बेहतर चारा भी दिया जा रहा है। वहीं गौसेवकों एवं नगर निगम की गोशाला में ऋषभानंद महाराज के मार्गदर्शन में गायों को इस बीमारी से बचाने के लिए आयुर्वेदिक लड्डू बनाए जा रहे हैं। इन लड्डुओं को शहर में घूमने वाली गायों को गौसेवकों की टीमों द्वारा खिलाया जा रहा है। इसके साथ ही शहर में घूमने वाली बीमार गायों की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर विभिन्न टीमों, समितियों द्वारा इंजेक्शन एवं दवाईयां देकर उपचार भी किया जा रहा है।
नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल के निर्देश पर नोडल अधिकारी पवन सिंघल ने लंपी वायरस से ग्रसित गौमाता की सेवा के लिए बरेठा, बंधौली एवं शर्मा फार्म हाउस पर आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं। इन सेंटरों तक गायों को पहुंचाने की जिम्मेदारी मदाखलत अमले की है।
एक सूचना पर दिन रात गौमाता को बचाने दौड़ रहे हैं गौसेवक
लालटिपारा गौशाला में ऋषभानंद महाराज के मार्गदर्शन में गौपाल गौसेवा समिति, गौरी गौसेवा समिति, हम है ना संस्था, गोले का मंदिर गौसेवकों की टीम, बजरंग दल, दाना पानी समिति, हिंदू आयोजन समिति के सदस्य दिन रात एक किए हुए हैं। सूचना मिलने पर यह टीमें दिन रात की परवाह किए बगैर मौके पर पहुंचकर बीमार गाय का उपचार कर रही हैं। साथ ही जो गाय ज्यादा बीमार है उसे तत्काल आइसोलेशन सेंटर तक पहुंचाया जा रहा है।
गौमाता को बचाने हर हाल में देंगे मदद
नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में मार्गदर्शन एवं संचालन व्यवस्था देख रहे ऋषभानंद महाराज ने बताया है कि शहर में सैकड़ों गौसेवक हैं जो कि इस गंभीर परिस्थिति में गायों की सेवा करना चाहते हैं। लेकिन किसी कारणवश नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे गौसेवकों को गौशाला से मदद की जा रही है। साथ ही जो लोग इस पुनीत कार्य में आगे आना चाहते हैं उन्हें भी मदद दी जाएगी।
गौमाता को बचाने करना चाहते हैं मदद तो आइए गौशाला
लंपी वायरस से पीडि़त गौमाता की मदद करने के लिए हजारों लोग आगे आना चाहते हैं। लेकिन उन्हें सही स्थान नहीं मिल पा रहा है। ऋषभानंद महाराज ने बताया है कि ऐसे लोग दवाईयां, आयुर्वेदिक औषधी, गुड़ आदि दान देकर मदद कर सकते हैं। साथ ही वह गौमाता के उपचार में भी हाथ बटा सकते हैं।
इनका कहना है
बीमार गाय की सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचकर उन्हें सावधानीपूर्वक वाहनों में रखने के निर्देश दिए है। आइसोलेशन सेंटर में किसी भी प्रकार चारे की कमी नहीं होगी।
किशोर कान्याल
निगमायुक्त
स्वदेश डेस्क
वेब डेस्क