मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर खर्च हुए 42 लाख से अधिक रुपए
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ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर व्यापार मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला में 29 दिसम्बर 2019 से शुरू हुए कार्यक्रमों का समापन 14 फरवरी 2020 शुक्रवार को हो गया। 48 दिन चले इन कार्यक्रमों में 42 लाख 87 हजार 200 रुपए का भुगतान कलाकारों को किया गया। यह सारा पैसा मेला प्राधिकरण के खजाने से बांटा गया है। वहीं मेला के व्यापारी इसे फिजूल खर्च मानते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस पैसे को मेला के विकास में लगाया जाना चाहिए। साथ ही जहां आवश्यक हो वहां इस पैसे को खर्च किया जाए।
कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर खर्च होने वाले पैसे:-
- भजन संध्या पर 20 हजार रुपए।
- गजल नाईट पर 45 हजार रुपए।
- गायन पर 63 हजार रुपए।
- म्यूजिकल नाईट पर 70 हजार रुपए।
- राजस्थानी लोक नृत्य पर 60 हजार रुपए।
- वीर बुंदेला नाटक पर 55 हजार रुपए।
- शास्त्रीय गायन पर 60 हजार रुपए।
- रॉक बैण्ड पर एक लाख रुपए।
- अखिल भारतीय मुशायरा पर पांच लाख रुपए।
- एक शाम उम्मीद के नाम पर एक लाख रुपए।
- महाराष्ट्र लोक नृत्य पर 60 हजार रुपए।
- डेडीकेटेड एक्ट ऑन सेव इन्वायरमेंट पर दो लाख रुपए।
- गजल नाइट पर 70 हजार रुपए।
- सूफी डांस व कत्थक नृत्य पर 93 हजार रुपए।
- कथा एक कंस की नाटकों पर 65 हजार रुपए।
- स्टार नाईट पर 50 हजार रुपए।
- बॉलीवुड नाईट अनिल श्रीवास्तव पर चार लाख रुपए।
- अखिल भारतीय कवि सम्मेलन पर छह लाख रुपए
- बाल नृत्य पर 65 हजार रुपए।
- मुशायरा 50 हजार रुपए।
- संगीत संध्या पर 1 लाख 10 हजार रुपए।
- बाल कलाकार अवार्ड पर 50 हजार रुपए।
- बाल महोत्सव पर 75 हजार रुपए।
- बॉडी बिल्डिंग चेम्पियनशिप 50 हजार रुपए।
कुछ कार्यक्रमों का भुगतान निल दिखाया है:-
मेला प्राधिकरण ने जहां पैसा रेवडी की तरह बांटा है, वहीं कुछ कलाकारों का भुगतान सूची में निल दिखाया है। सूत्रों का कहना है कि इन कलाकारों का भुगतान निल दिखाने के पीछे मेला प्राधिकरण की मंशा ही कुछ अलग रही है।
अंतिम मंगलवार को मेला में हुई भीड़:-
ग्वालियर व्यापार मेला में अंतिम मंगलवार को सैलानियों की जबरदस्त देखने को मिली। यहां लाखों की संख्या में सेलानी आए और उन्होंने खरीदारी की। जानकारी के अनुसार ग्वालियर व्यापार मेला का समापन 20 फरवरी को सायं 5 बजे होने जा रहा है।
स्वदेश डेस्क
वेब डेस्क