Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > जीवाजी विश्विद्यालय: निजी महाविद्यालयों को बनाया परीक्षा केन्द्र, नकल की दी खुली छूट

जीवाजी विश्विद्यालय: निजी महाविद्यालयों को बनाया परीक्षा केन्द्र, नकल की दी खुली छूट

एक दर्जन से अधिक महाविद्यालयों पर बरसी विवि के अधिकारियों की मेहरबानी

जीवाजी विश्विद्यालय: निजी महाविद्यालयों को बनाया परीक्षा केन्द्र, नकल की दी खुली छूट
X

ग्वालियर, न.सं.। जीवाजी विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं इसी महीने से शुरू होने वाली हैं और विवि प्रशासन ने इसके लिए परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण कर दिया है। इस बार विवि के अधिकारियों ने महाविद्यालय संचालकों से सांठगांठ करके निजी महाविद्यालयों को ही परीक्षा केन्द्र बना दिया है। जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विवि के अधिकारियों ने इस बार परीक्षाओं में नकल की खुली छूट दे दी है। इसे लेकर विरोध भी शुरू हो गया है।

जीवाजी विश्वविद्यालय की सेमेस्टर व वार्षिक परीक्षाओं में पिछले एक-दो सालों में काफी हद तक नकल पर अंकुश लगा था। इसकी मुख्य वजह यह थी कि ज्यादातर परीक्षा केन्द सरकारी महाविद्यालयों को बनाया गया। नकल के लिए बदनाम भिण्ड और मुरैना के ज्यादातर निजी महाविद्यालयों को केन्द्र बनाने से सीधे मना कर दिया। लेकिन अब विवि फिर से पुराने ढर्रे पर लौटता नजर आ रहा है। जीवाजी विश्वविद्यालय के कुछ चुनिंदा अधिकारियों ने इस बार वार्षिक परीक्षाओं में नकल की खुली छूट देने की तैयारी कर ली है। क्योंकि अंचल के करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे निजी महाविद्यालय हैं, जिन्हें इस बार परीक्षा केन्द्र बनाकर नकल का खुलेआम ठेका दिया गया है। रविवार को हुई परीक्षा केन्द्र निर्धारण समिति की बैठक में ज्यादातर महाविद्यालयों के परीक्षा केन्द्र एक-दूसरे महाविद्यालय को बनाया है। वहीं कुछ महाविद्यालयों के परीक्षा केन्द्र विद्यालय में रख दिए हैं। जबकि वहां पर बोर्ड परीक्षाएं होनी है। शिवशंकर महाविद्यालय सुमावली का परीक्षा केन्द्र शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल सुमावली में रखकर महाविद्यालय को नकल की खुली छूट दी है। यह महाविद्यालय नकल के लिए पहले से ही बदनाम है। वहीं दैपुरिया महाविद्यालय, शिवम, एडीएस, सहित अन्य महाविद्यालय हैं, जिनके केन्द्र मनमाफिक महाविद्यालय को बनाया गया है। इसे लेकर अन्य महाविद्यालय विरोध करने लगे हैं और वह बहुत जल्द विवि के आला अधिकारियों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।

उप कुलसचिव ने चहेतों को किया उपकृत

बताया जा रहा है कि परीक्षा नियंत्रक प्रो. आर.के.एस. सेंगर और प्रभारी उप कुलसचिव अभयकांत मिश्रा के हटने के बाद परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण का दायित्व उप कुलसचिव व अन्य अधिकारियों को दे दिया गया था। उन्होंने इसका फायदा उठाते हुए चहेतों को अच्छी तरीके से उपकृत किया। उनके परीक्षा केन्द्र मनमाफिक महाविद्यालय में रखने के साथ ही नकल की खुली छूट दे दी है। हालांकि उप कुलसचिव इस तरह के कारनामें करने के लिए पहले से ही काफी बदनाम हैं। इसलिए फिर से उन पर गंभीर आरोप लगने लगे हैं।

इस तरह चला केंद्र बनाने का खेल

-शासकीय हायर सेकंड्री स्कूल, सुमावली में बोर्ड परीक्षाएं होना है, उसमें शिवशंकर महाविद्यालय सुमावली का केन्द्र बना दिया गया है। महाविद्यालय के संचालक डॉ. एस.एस. जादौन को नकल की खुली छूट दी गई है।

-शिवम महाविद्यालय पोरसा और आरवीएसमहाविद्यालय पोरसा की परीक्षा एक-दूसरे के महाविद्यालय में कराई जा रही है। इससे साफ है कि नकल की खुली छूट दी गई है।

-दैपुरिया महाविद्यालय मेहगांव और पंडित दीनदयाल महाविद्यालय की परीक्षा के लिए केंद्र एक-दूसरे के महाविद्यालय को बनाया गया है।

-एएस डिग्री महाविद्यालय कैलारस और आचार्य नरेंद्र देव महाविद्यालय कैलारस की परीक्षा के लिए एक-दूसरे के महाविद्यालय को केंद्र बनाया।

-शासकीय महाविद्यालय आलमपुर को खाली कराकर दुर्गाप्रसाद सर्राफ महाविद्यालय दबोह और डॉ. अम्बेडकर महाविद्यालय सिद्धपुरा को नकल की खुली छूट देने के लिए शासकीय महाविद्यालय गौरा, दबोह केन्द्र बनाया गया है।

-शासकीय श्री गांधी महाविद्यालय बालाजी मिहोना को खाली कराकर स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय एवं कमलेश महाविद्यालय रायपुरा का केन्द्र शासकीय हायर सेकंड्री स्कूल, मछंड में कराई जा रही है। जबकि शासकीय महाविद्यालय मिहोना में पूर्ण व्यवस्था है।

-शासकीय महाविद्यालय जौरा को खाली कराकर स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय, बिलगांव को केन्द्र बनाया है।

-शासकीय महाविद्यालय कालामढ़ में शिवशंकर महाविद्यालय बैराड़ का केन्द्र बना दिया है। जबकि यह परीक्षा शासकीय महाविद्यालय पोहरी में होना चाहिए।

-सबलगढ़ के निजी महाविद्यालयों की परीक्षा कैलारस के इन्द्रप्रस्थ महाविद्यालय में कराई जा रही है। जबकि पूर्व में इनकी परीक्षा सबलगढ़ के महाविद्यालयों में संपन्न होती आई हैं।

-शासकीय महाविद्यालय मुरैना को खाली कराकर निजी महाविद्यालयों को केन्द्र बना दिया गया है। जबकि शासकीय महाविद्यालय में परीक्षा होनी चाहिए।

-अम्बाह पीजी महाविद्यालय को खाली छोड़कर एडीएस महाविद्यालय अम्बाह का केन्द्र पोरसा महाविद्यालय में कर दिया है। साथ ही एडीएस महाविद्यालय में जय हिंद बिस्मिल महाविद्यालय की परीक्षा कराई जा रही है। ये दोनों महाविद्यालय एक ही समिति व मालिक के हैं।

इनका कहना है-

वार्षिक परीक्षाएं इसी माह से प्रस्तावित हैं और इसके लिए परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण भी कर दिया है। जहां तक निजी महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाने की बात है तो इसे दिखवाया जाएगा और आला अधिकारियों को इससे अवगत कराएंगे।

-डॉ. केशव सिंह गुर्जर

जनसंपर्क अधिकारी, जीवाजी विवि

Updated : 2 March 2020 11:17 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top