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ईवा ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी नाथ ने किया निदान

ईवा ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी नाथ ने किया निदान
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राजनीतिक संवाददाता भोपाल

मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों बच्चों की हर फरमाइश सुन रहे हैं। पिछले दिनों डीजे से परेशान झाबुआ के एक छात्र की चि_ी पर एक्शन लेते हुए कमलनाथ ने अधिकारियों को निर्देश जारी किये थे। अब उन्होंने इंदौर की कक्षा छठी में पढऩे वाली छात्रा और जिला स्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी ईवा शर्मा की समस्या सुन ली है। हांलाकि ईवा शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चि_ी लिखकर नेहरू स्टेडियम में पांच महीने से बंद पड़े बैडमिंटन हॉल को खुलवाने की गुहार लगाई थी। प्रधानमंत्री की ओर से जवाब आने से पहले ही मुख्यमंत्री ने इंदौर जिलाधीश को इस समस्या का हल निकालने के लिए निर्देश दिए और बैडमिंटन हॉल की व्यवस्था प्रशिक्षण के लिए कर दी।

दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए प्रशासन ने एक बार फिर इंदौर के नेहरू स्टेडियम को ले लिया है। इसके चलते स्टेडियम में पिछले पांच महीने से बैडमिंटन, टेबल टेनिस, शूटिंग और योगा जैसी इंडोर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज नहीं हो रही हैं। जिसके चलते जिला स्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी कक्षा छठी में पढऩे वाली ईवा शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चि_ी लिखकर नेहरू स्टेडियम में पांच महीने से बंद पड़े बैडमिंटन हॉल को खुलवाने की गुहार लगाई है। इस चि_ी के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस सम्बन्ध में ईवा शर्मा को पत्र लिखा है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छात्रा को पत्र में कहा मुझे सोशल मीडिया व समाचार पत्रों के माध्यम से आपके देश के प्रधानमंत्री को लिखें पत्र की जानकारी मिली। जिसके माध्यम से मुझे पता चला कि आप एक जिला स्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी है व कक्षा छठी में पढ़ती हैं। इस पत्र में आपने चुनावी प्रक्रिया के कार्य के कारण प्रशासन द्वारा नेहरू स्टेडियम को अपने आधिपत्य में लेने के कारण, आपका व अन्य बच्चों का बैडमिंटन प्रशिक्षण का कार्य प्रभावित होने की व्यथा लिखी है। निश्चित तौर पर आपकी व्यथा ठीक है लेकिन यह भी सच है इंदौर के इस नेहरू स्टेडियम में ही चुनावी प्रक्रिया कई वर्षों से संपन्न कराई जाती है। आगामी समय में लोकसभा चुनाव संपन्न होना है। उसके लिये चुनावी प्रक्रिया के कार्य भी उसी नेहरू स्टेडियम में संपन्न होना है।

चुनाव लोकतंत्र का महापर्व होता है और यह हम सभी की भागीदारी से संपन्न होता है। हालांकि आपका पत्र देश के प्रधानमंत्री को संबोधित था। मैं इस विषय में नहीं पड़ा कि कैसे उन तक पहुंचेगा, क्या होगा, कब होगा? मैंने तो पत्र देखकर यह माना कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता का सेवक हूं। उनकी परेशानियों में उनके साथ खड़े होना मेरा कर्तव्य है। उन्हें न्याय दिलाना मेरा कर्तव्य है। प्रदेश की एक बच्ची ने अपनी व अन्य खिलाड़ी बच्चों की व्यथा पत्र के माध्यम से लिखी है, अपनी परेशानियां बताई है। उस परेशानी का कैसे हल हो सके। मुझे उसके प्रयास करना चाहिए।

बैडमिंटन के लिए की वैकल्पिक व्यवस्था

मुख्यमंत्री कमलनाथ लिखा मैंने इस पत्र को देखते ही तत्काल इंदौर के जिलाधीश से चर्चा करी और उन्हें निर्देश दिए कि तत्काल इस समस्या का हल निकालने का प्रयास करें। उन्होंने मेरे निर्देश के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए बैडमिंटन खिलाडिय़ों की सुविधा को देखते इंदौर के एसजीएसआईटीएस कॉलेज पर सायं 3:00 से 5:00 बजे तक बैडमिंटन हॉल की व्यवस्था आपके प्रशिक्षण के लिए कर दी है। मैं मानता हूं कि नेहरू स्टेडियम का बैडमिंटन हाल तो अभी लोक सभा निर्वाचन प्रक्रिया के कार्य प्रारंभ होने से आपको उपलब्ध नहीं करवा पा रहा हूं। लेकिन मैंने चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने तक आप के लिए यह वैकल्पिक व्यवस्था की है। यह भी मानता हूं कि आपको थोड़ी परेशानी जरूर होगी लेकिन उम्मीद भी करता हूं आप लोकतंत्र के इस महापर्व में थोड़ी परेशानी उठा कर अपना सहयोग प्रदान करेंगे। मैंने आपकी चुनाव कार्य के बाद वुडन कोर्ट के खराब होने की व्यथा को भी पढा। उसको लेकर भी मैंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चुनाव कार्य के दौरान बच्चों के बैडमिंटन हॉल का वुडन कोर्ट खराब नहीं हो। इसको लेकर भी पूरे प्रयास किए जाए।

Updated : 2 March 2019 5:15 PM GMT
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Naveen Savita

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