प्रदेश की राजनीति से सिंधिया को वाकआउट करने की कवायद
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राजनीतिक संवाददाता♦ भोपाल
लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस रणनीति तैयार करने में जुटी है। प्रत्याशी चयन के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर अभिमत ले रहे हैं। खास बात यह है कि इन बैठकों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भाग नहीं ले रहे हैं। वे इन दिनों उप्र में ज्यादा समय दे रहे हैं। इधर राजधानी में इस तरह की चर्चाएं भी जोर पकड़ रही हैं कि मध्यप्रदेश में सरकार गठन के समय सिंधिया समर्थक विधायकों द्वारा दिल्ली में किये गए प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने सिंधिया को प्रदेश की राजनीति से दूर रखने की रणनीति बनाई है। इस रणनीति का शिल्पी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को बताया जा रहा है।
इस रणनीति के तहत ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उप्र की 38 लोकसभा सीटों की कमान सौंपी है। यह बात सभी जानते हैं कि देश में कांग्रेस की सबसे ज्यादा खराब हालत उत्तरप्रदेश में ही है। ऐसे में सिंधिया यदि वहां सफल होते हैं तो इसका सेहरा उनकी सहयोगी प्रियंका गांधी के सिर बांधा जाएगा, लेकिन अगर उत्तरप्रदेश में जिन 38 सीटों की जिम्मेदारी सिंधिया को दी गई है, उन सीटों पर परिणाम कांग्रेस के पक्ष में नही आए, तो प्रदेश की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी वही सब कुछ होने वाला है, जो उनके पिता स्वर्गवासी माधवराव सिंधिया के साथ हुआ था।
इस बात को खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी समझ रहे हैं। प्रदेश में उनके खिलाफ चल रही रणनीतियों और संभावनाओं को भांप कर उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र गुना की कमान अपनी धर्मपत्नि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को सौंप दी है। सिंधिया उप्र में पार्टी नेताओं के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। यही वजह है कि वे मप्र की चुनावी रणनीति से दूर हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सूत्रों ने बताया कि इस बार लोस चुनाव में सिंधिया का ज्यादा दखल नहीं रहेगा। वे गुना संसदीय क्षेत्र से खुद चुनाव लड़ेंगे। उप्र में व्यस्त होने की वजह से उनके चुनाव प्रचार की कमान उनकी पत्नि संभालेंगी। सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने गुना संसदीय क्षेत्र के शिवपुरी से महिला सम्मेलनों का आयोजन शुरू कर दिया है।
सिर्फ सभाएं लेने आएंगे सिंधिया
सिंधिया कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। वे लोकसभा चुनाव में एक दर्जन से ज्याद लोकसभा क्षेत्रों चुनावी सभाएं करने के लिए आएंगे। विधानसभा चुनाव की तरह वे लोकसभा चुनाव में मप्र में सक्रिय नहीं रहेंगे। पार्टी ने उन्हें उप्र में ज्यादा से ज्यादा सीट जिताने का दायित्व सौंपा है। यह सिंधिया के लिए चुनौती भरा लक्ष्य हैं। बताया गया गया कि उप्र में सिंधिया के समर्थकों ने भी डेरा डाल लिया है।
Naveen Savita
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