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मध्य प्रदेश में तेज बारिश के चलते खतरे के निशान से ऊपर पहुंची नर्मदा, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

मध्य प्रदेश में तेज बारिश के चलते खतरे के निशान से ऊपर पहुंची नर्मदा, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
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भोपाल। मध्य प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। कहीं रिमझिम तो कहीं तेज वर्षा के कारण नर्मदा, तवा, बेतवा सहित अन्य नदी-नाले उफान पर हैं। होशंगाबाद में नर्मदा नदी मंगलवार को खतरे के निशान 964 फीट को पार कर गई। शाम छह बजे सेठानीघाट पर नर्मदा का जलस्तर 965.50 फीट पर था, जबकि बुधवार सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश से यह आंकड़ा और बढ़ा है। छह साल बाद यहां खतरे का अलार्म बजाकर लोगों को चेताया गया। मौसम विभाग के अनुसार अभी दो दिन तक ऐसी स्थिति बनी रहने की संभावना है।

राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अधिकतर जिलों में भारी बारिश हो रही है। बुधवार सुबह से भोपाल में मूसलाधार बारिश जारी है। यही हालात अन्य जिलों के हैं। प्रदेश में हो रही भारी बारिश के चलते चंबल नदी भी उफान पर है। भिंड में चंबल पुल पर 119 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया है और काफी तेजी से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। कोटा बैराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से हालात और बिगड़ गए हैं। अटेर के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बड़वानी के राजघाट में नर्मदा का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर 136.800 मीटर पर पहुंच गया है। बड़वानी में जिला प्रशासन ने अब तक सबसे बड़ा रेस्क्यू चलाते हुए राजघाट के टापू बने हिस्से से 20 परिवारों को सामान सहित बाहर निकाला। मालवा निमाड़ में भी जोरदार बारिश का क्रम जारी रहा। मोरटक्का में नर्मदा पुल पर बुधवार को तीसरे दिन भी यातायात शुरू नहीं हो सका। खरगोन के महेश्वर में नर्मदा के घाट और छतरियां जलमग्न हैं। नर्मदा के बीच बना हुआ बाणेश्वर मंदिर आधे से अधिक डूब गया है। रायसेन में बेतवा नदी का पानी पग्नेश्वर पुल पर करीब 20 फीट ऊपर होने से रायसेन-सांची मार्ग दसवें दिन भी बंद है। बारना बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण बारना नदी के पुल पर शाम को करीब 12 फीट पानी था। इसी तरह उदयपुरा क्षेत्र में बोरास पुल पर नर्मदा नदी का पानी पांच फीट ऊपर होने से उदयपुर-नरसिंहपुर मार्ग बंद रहा। अशोकनगर जिले के चंदेरी में बेतवा नदी पर बना राजघाट बांध फिर लबालब हो गया। मंगलवार शाम को बांध के कुल 18 में से 15 गेट खोल दिए गए, जिससे चंदेरी-ललितपुर मार्ग के पुल पर पानी आने से यातायात बंद हो गया। शाम को इस पुल पर करीब 13 फीट पानी था। इटारसी में शाम तक तवा बांध के 13 गेट सात फीट ऊंचाई तक खोल दिए गए।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक आर.आर. त्रिपाठी के मुताबिक प्रदेश में चार मानसूनी सिस्टम के लगातार सक्रिय बने रहने से रुक-रुककर तेज बौछारें पड़ने का सिलसिला जारी है। वर्तमान में एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पूर्व मध्यप्रदेश एवं उससे लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। साथ ही इसके ऊपरी भाग में 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा बना हुआ है। मानसून ट्रफ (द्रोणिका लाइन) बीकानेर, अजमेर, शिवपुरी से कम दबाव के क्षेत्र से डाल्टनगंज, पूर्णिया, दीघा से बंगाल की खाड़ी तक गया है। इसके अतिरिक्त मप्र के मध्य में पूर्वी-पश्चिमी हवाओं का टकराव हो रहा है। इन चार सिस्टम के कारण प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर लगातार बरसात हो रही है। इस तरह की स्थिति अगले दो दिन तक बनी रहने के आसार हैं। मौसम विभाग ने बुधवार-गुरुवार को प्रदेश के कई स्थानों पर भारी बारिश की आशंका जताई है। इन स्थानों में इंदौर, धार, खंडवा, खरगोन, झाबुआ, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, देवास, भोपाल, मंदसौर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, बालाघाट, नरसिंहपुर, रीवा, सागर, गुना, उमरिया आदि शामिल हैं।

Updated : 12 Sep 2019 1:32 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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