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पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक, हो सकता है बड़ा निर्णय

पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक, हो सकता है बड़ा निर्णय
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भोपाल। मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जारी हैं और पहले और दूसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया भी सोमवार को संपन्न हो गई है, लेकिन उच्चतम न्यायालय की रोक के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी आरक्षण वाले पदों पर चुनाव को स्थगित कर दिया है। इसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर पंचायत चुनाव टालने का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।

मुख्यमंत्री चौहान की अध्यक्षता में सोमवार देर शाम यह बैठक होनी है, जिसमें महाधिवक्ता प्रशांत सिंह, विधि विभाग के प्रमुख सचिव गोपाल श्रीवास्तव के अलावा गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह मौजूद रहेंगे। इस बैठक में कानूनी सलाह लेकर ही फैसला किया जाएगा कि आयोग को सरकार की तरफ से क्या जवाब भेजा जाना है?

बता दें कि उच्चतम न्यायालय का आदेश आने बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी के लिए रिजर्व जिला पंचायत सदस्य, जनपद, सरपंच व पंच के पदों के निर्वाचन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही पंचायत विभाग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया पर भी राज्य शासन ने रोक लगा दी।

इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायरब्रांड नेत्री उमा भारती ने इस मसले पर सोमवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बात की। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर लगी न्यायिक रोक चिंता का विषय है। उन्होंने लिखा कि मेरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से फोन पर बात हुई है। मैंने उनसे आग्रह किया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना मध्य प्रदेश में पंचायत का चुनाव मध्यप्रदेश की लगभग 70 फीसदी आबादी के साथ अन्याय होगा।

वहीं, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी आरक्षण को खत्म करना चाहती है। कांग्रेस के प्रवक्ताओं का कोर्ट में याचिका लगाना और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का पैरवी करना, यह साबित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार और बीजेपी की मंशा इस वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की है।

Updated : 21 Dec 2021 8:08 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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