भोपाल। दो माह बाद प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अवैध रुप से शराब का उपयोग रोकने के लिए चुनाव आयोग कड़े कदम उठाने जा रहा है। यही वजह है कि अब आयोग ने चुनाव के दौरान शराब फैक्ट्रीयों व उसके गोदामों पर कैमरों से नजर रखने का फैसला किया है। आयोग के इस कदम से शराब बांटकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करना राजनैतिक पार्टियों और प्रत्याशियों के लिए मुश्किल हो जाएगा। निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों की अभी से हर दिन की वीडियो रिकार्डिंग आयोग को दने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही शराब बनाने वाली इकाइयों की निगरानी के लिए जिला निर्वाचन स्तर पर एक निगरानी समिति बनाने को भी कहा गया है। यही नहीं शराब इकाइयों को सरकार ने हर माह कितनी शराब बनाने का लाइसेंस सरकार ने दिया है। वर्तमान में वह कितनी देशी और विदेशी शराब बना रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी आयोग को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके साथ ही गोदामों में वर्तमान में मौजूद शराब के स्टाक की भी जानकारी मांगी गई है। आयोग ने इस दौरान बीते एक साल में बेंची गई शराब की जानकरी भी मांगी है। आयोग ने वहीं पुलिस और आबकारी विभाग को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह अवैध शराब के भंडारण और परिवहन को रोकें और छापामार कार्रवाई करें। आयोग ने दोनों विभागों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की सीमावर्ती जिलों में इसके नियांत्रण के लिए अभी से चौकियां बनाएं। चौकियों पर कम से कम दो पुलिसकर्मी चौबीस घंटे और सातों दिन तैनात करें। अवैध शराब को लेकर पुलिस की सती भी कुछ इलाकों में देखने को मिली है हालांकि बारिश के कारण कुछ जिलों अवैध शराब का व्यापार तेजी से फैल रहा है। जानकारों का कहना है कि कई कार्रवाई होने के बाद भी पुलिस अवैध शराब पर नकेल नहीं कस पा रही है।
चुनाव में शराब नहीं बांट पाएंगे प्रत्याशी
आयोग ने शुरू की सख्ती: शराब फैक्ट्री और गोदामों की कैमरों से होगी निगरानी
Swadesh Digital | 4 Oct 2018 2:46 AM GMT
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Updated : 2018-10-04T18:36:10+05:30
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