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कौन है करौली बाबा ? जानिए हत्या के आरोप में फंसा एक किसान नेता कैसे बना संत

कौन है करौली बाबा ? जानिए हत्या के आरोप में फंसा एक किसान नेता कैसे बना संत
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कानपुर। देश में इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के बाद उप्र के शहर कानपुर के करौली धाम बाबा का नाम चर्चा में बना हुआ है। करौली धाम बाबा पर अपने एक भक्त की अनुयायियों से पिटाई कराने का आरोप है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।जिसमें वह दरबार में आए एक श्रद्धालु से बहस करते नजर आ रहे है। ये श्रद्धालु बाबा से कहता दिख रहा है की आपके चमत्कार का मुझ पर असर नहीं हुआ। आप और कोई चमत्कार दिखाओ भक्त की इस बात से बाबा आग बबूला हो जाता है। इस बहस के बाद बाबा की सुरक्षा में तैनात बाउंसर इस श्रद्धालु के साथ मारपीट कर देते है। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी है।


दरअसल, कानपुर का ये करौली बाबा अपने भक्तों को चमत्कार करने का दावा करता है। इसके चमत्कारों की बात सुन घरेलू समस्या से परेशान नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी बाबा के दरबार में पहुंचे थे। उनकी समस्या सुन बाबा ने मंत्र पढ़ा लेकिन डॉक्टर पर कोई असर नहीं हुआ। डॉक्टर ने बाबा से शिकायत की कहा आप कोई और चमत्कार दिखाओ इससे मुझ पर कोई असर नहीं हुआ। डॉक्टर की ये बात सुनते ही बाबा गुस्से से आग बबूला हो गए। उन्होंने अपनी सुरक्षा में तैनात बाउंसरों को निर्देश दिया कि इसे बाहर ले जाओ। बाउंसरों ने डॉक्टर को दरबार से अलग ले जाकर मारपीट कर दी। पिटाई में घायल डॉक्टर सिद्धार्थ की नाक की हड्डी टूट गई और सिर में कई जगह चोट आ।घटना के बाद डॉक्टर ने बाबा के ख़िलाफ़ एफआईआर करा दी।

अब ये खबर पढ़कर आप सोच रहे होंगे की आखिर ये करौली बाबा कौन है तो आपको बताते है कि आखिर ये बाबा कौन है ? और इसका इतिहास क्या है ?


करौली बाबा के नाम से मशहूर इस धार्मिक बाबा का असली नाम संतोष सिंह भदौरिया है। ये मूल रूप से उन्नाव जिले के बारह सगवर के रहने वाला है। संतोष सिंह भदौरिया बाबा बनने से पहले किसान नेता था और किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ काम करता था। वह कई किसान आंदोलनों में भाग ले चुका है। जब बाबा पर मारपीट का आरोप लगा तो पुलिस ने उसकी पड़ताल की। जिसमें उस पर 90 के दशक में दर्ज कई केसों का खुलासा हुआ। खुलासे में सामने आया कि कथित किसान नेता और बाबा एक समय पर खूंखार अपराधी था। उस पर रासुका तक की कार्रवाई हो चुकी है। जिसके बाद पुलिस और जेल से बचने के लिए वह साधु बन गया।

हत्या के आरोप -

जानकारी के अनुसार करौली बाबा के खिलाफ 1992-95 के बीच हत्या समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। 14 अगस्त 1994 को तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह के आदेश पर संतोष भदौरिया पर रासुका लगाया था। जिसे हटवाने के लिए बाबा ने गृह सचिव को एक चिट्ठी लिखीथी। इस चिठ्ठी में संतोष ने बताया था की वह 1989 से किसान यूनियन में कार्यकर्ता हैं। उस पर कई लोगों की जमीन हड़पने के भी आरोप है।

किसान नेता से बाबा बनने की कहानी


किसान आंदोलन के समय संतोष सिंह भदौरिया की एक मामले को लेकर पुलिस से झड़प हो गई थी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। जेल से जब संतोष भदौरिया वापिस आया तो वह किसानों के बीच लोकप्रिय हो गया। उसका नाम कानपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चा में आ गया। इसके बाद कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल से उनकी नजदीकी बढ़ी। जायसवाल ने उन्हें कोयला निगम का चेयरमैन बनाकर लाल बत्ती दिलवा दी। विवाद हुआ तो निगम से हटा भी दिए गए। राजनीति में विफल होने और अनेकों केस दर्ज होने के बाद संतोष भदौरिया ने बाबा का रूप धर लिया।

यूट्यूब से तंत्र-मंत्र की साधना -

कानपुर में किसानों से करौली आश्रम बनावाया। उन्होंने सबसे पहले यहां भगवान शनि के मंदिर का निर्माण करवाया। फिर थोड़ी और जमीन खरीद करके करौली आश्रम शुरू कर दिया। इसके बाद यूट्यूब के माध्यम से अपने चमत्कार के वीडियो बनाकर वायरल करना शुरू कर दिए। उनकी लोकप्रियता बढ़ने पर आश्रम में आने वालों की संख्या बढ़ गई। बाबा दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने लगे। इसके बाद संतोष बाबा ने तीन साल में करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। उनका आश्रम 14 एकड़ में फैला हुआ है।

Updated : 22 March 2023 11:14 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


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