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मजबूर नहीं मजबूत सरकार करती है देश का भला

मजबूर नहीं मजबूत सरकार करती है देश का भला
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की कवायद को खारिज करते हुए आज कहा कि मजबूत सरकार देश का भला करती है, मजबूर सरकार से नहीं। उन्होंने कहा कि मजबूत सरकार देश का भला करती है और मजबूर सरकार से गठबंधन में शामिल दल और उसके नेता का भला होता है। प्रधानमंत्री बुधवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर, कर्नाटक के मैसूर, राजस्थान के करौली-धौलपुर और उत्तर प्रदेश के आगरा लोकसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं से नमो ऐप पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद कर रहे थे।

कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने हाल ही में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के महागठबंधन को लेकर गत दिनों आए एक बयान की ओर इशारा करते हुए कहा कि पिछले दिनों गठबंधन की एक नेता का बयान जनता ने सुना होगा। उन्होंने यहां तक कहा कि केंद्र में एक मजबूत नहीं, मजबूर सरकार की जरूरत है।

मोदी ने कहा कि देश की जनता समझ सकती है कि ऐसे नेता मजबूर सरकार कि क्यों अपेक्षा रखते हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान भी यही हुआ। पहले लोगों की भावनाएं भड़का कर एक दूसरे के खिलाफ जनता को भ्रमित किया गया और जब सरकार बनाने की बारी आई तो इन्होंने हाथ मिलाने में भी देरी नहीं की।

कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर की गठबंधन सरकार है। विधान सभा चुनाव में दूसरे स्थान पर होने के बावजूद कांग्रेस ने सीटों के आंकड़े में तीसरे स्थान पर रहे जनता दल सेक्यूलर को समर्थन देकर गठबंधन सरकार बनायी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन दलों की बात की जा रही है, उनके नेता पहले तो आपस में लड़ते हैं, एक दूसरे खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं लेकिन जैसे ही मौका मिलता है वह सत्ता के लिए हाथ मिला लेते हैं।

कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने वंशवादी राजनीति पर भी चोट करते हुए कहा कि भाजपा की पहचान किसी वंश से जुड़ी हुई नहीं है। अनगिनत कर्मयोगी कार्यकर्ताओं और जीवन का सर्वस्व खपा देने वाले निस्वार्थ नेताओं ने ही भाजपा को 'पार्टी विद डिफरेंस' बनाया है। अगर भाजपा 'पार्टी विद डिफरेंस' है तो उसके कार्यकर्ताओं की छवि भी डिफरेंट होनी चाहिए।

मोदी ने नानाजी देशमुख, विजया राजे सिंधिया और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती का जिक्र करते हुए कहा कि 11 अक्टूबर को नानाजी देशमुख की जयंती है। उनके बारे में वह कार्यकर्ता बेहतर जानते होंगे, जो तीन-चार दशक पहले भाजपा से जुड़े होंगे। नानाजी देशमुख कार्यकर्ता के लिए आदर्श थे। वह बेहद विनम्र, जमीन से जुड़े हुए, विचारधारा के प्रति समर्पित किंतु बाहरी दुनिया से संवाद के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले, परिश्रमी व्यक्तित्व के स्वामी थे। एक संगठक में जिन क्षमताओं की आवश्यकता होती है, नानाजी देशमुख में वह कूट-कूट कर भरी थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 12 अक्टूबर को भाजपा राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती मनाती है । इस बार का 12 अक्टूबर विशेष है, क्योंकि यह उनकी 100वीं जयंती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को राजमाता सिंधिया के बारे में बताते हुए कहा कि वह एक समृद्ध राजघराने से थी। अगर वो चाहतीं तो पूरे ठाठबाट का जीवन जी सकती थीं लेकिन उन्होंने जनता के बीच रहकर काम करने का फैसला किया और गांव, जंगल, आदिवासी और दूरदराज के इलाकों में जनता के लिए वह हमेशा हाजिर रहती थीं।

मोदी ने कहा कि 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है, जिनके अथक प्रयासों और नेतृत्व की वजह से देश का लोकतांत्रिक ढांचा बच पाया।

प्रधानमंत्री ने जयप्रकाश नारायण को भी एक आदर्श कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि 1970 के दशक की शुरुआत में जब परिस्थितियां हाथ से निकलने लगीं और लोकतंत्र पर गंभीर खतरा मंडराने लगा, तब उन्होंने मुख्यधारा की राजनीति में लौटकर युवाओं को एकजुट करने का कार्य किया। आपातकाल के विरोध में जो बड़ा आंदोलन चला, वह उनकी ही देन थी।

Updated : 10 Oct 2018 10:51 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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