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MP : अब कल सुनवाई, कांग्रेस ने इस दांव से 'चुरा' लिया 1 दिन

MP : अब कल सुनवाई, कांग्रेस ने इस दांव से चुरा लिया 1 दिन
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नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट के लिए बीजेपी को अभी और इंतजार करना होगा। उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई। ऐसा कांग्रेस सरकार की तरफ से किसी प्रतिनिधि के न पहुंचने की वजह से हुआ। अब मामले पर बुधवार को 10.30 बजे सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि वे दूसरे पक्ष की भी बात सुनना चाहते हैं। अब कोर्ट ने सभी पक्षकारों, मुख्यमंत्री और स्पीकर को भी नोटिस जारी किया है। सबको कल अपना पक्ष रखना है।

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से फ्लोर टेस्ट की मांग हुई थी। बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए याचिका दायर की थी। बीजेपी ने उम्मीद जताई थी कि कर्नाटक की कहानी मध्य प्रदेश में दोहराई जाएगी।

फ्लोर टेस्ट को लेकर सोमवार को भोपाल में सुबह से रात तक काफी गहमागहमी रही। सुबह विधानसभा की कार्यवाही राज्यपाल के भाषण से हुई, राज्यपाल ने एक मिनट में भाषण दिया और चल दिए। इसके बाद स्पीकर ने 26 मार्च तक कोरोना के नाम पर विधानसभा स्थगित कर दी। इसके बाद बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। साथ ही सभी 106 बीजेपी विधायकों की राजभवन में परेड कराई। शाम होते-होते राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लेटर लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने को कहा और रात होते-होते कमलनाथ राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे।

स्पीकर द्वारा 22 कांग्रेस विधायकों में से 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद पार्टी के विधायकों की संख्या कम होकर 108 हो गई है। अभी 16 बाकी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने बाकी है, यदि उन्हें भी गिना जाए तो सत्ताधारी पार्टी के विधायकों की संख्या 92 होती है। सदन में बीजेपी के विधायकों की संख्या 107 है। 230 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की प्रभावी संख्या 222 है। बहुमत के लिए जरूरी संख्या 112 है। 7 अन्य में बीएसपी के 2 विधायक, एसपी का एक और 4 निर्दलीय हैं जिन्होंने कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया था।

याचिका में क्या है आरोप

याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री अपनी अल्पमत सरकार को बहुमत में तब्दील करने के लिये विधायकों को धमकी देने और प्रलोभन देने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। खरीद फरोख्त के प्रयास चरम पर हैं। इसलिए जरूरी है कि राज्यपाल के निर्देशानुसार 16 मार्च को ही सदन मे शक्ति परीक्षण कराया जाये। याचिका में कहा गया है कि शक्ति परीक्षण स्थगित करने से खरीद फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा और यह राज्यपाल के निर्देशों और शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित व्यवस्था का उल्लंघन होगा। शिवराज सिह चौहान के अलावा गोपाल भार्गव तथा नरोत्तम मिश्रा सहित भाजपा के नौ विधायक इस मामले में चार याचिकाकर्ता हैं। इस याचिका में राज्य विधानसभा के अध्यक्ष और कमल नाथ को पक्षकार बनाया गया है।

Updated : 17 March 2020 6:37 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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