राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सांसदों को दिया 5-डी का फार्मूला
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को सभी संसद सदस्यों को सलाह दी है कि वह एक दूसरे के विचारों का आदर करें और परस्पर मर्यादा बनाए रखें। उन्होंने कहा कि यह भी जरूरी है कि वे अपने साथी सांसदों की बातों को उचित सम्मान दें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकसभा के स्पीकर रिसर्च इनिशिएटिव (एसआरआई) की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर संसद भवन एनेक्सी में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही का सजीव प्रसारण होता है। जनता इस प्रसारण को देखती भी है। उन्होंने कहा कि संसद में जनता की कठिनाइयों के समाधान और देश के विकास की योजनाओं पर चर्चा हो, जनता को ऐसी अपेक्षा होती है, इसलिए सांसदों को आचरण इसके अनुरूप होने में ही लोकतंत्र की मर्यादा है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संसद और विधानमंडलों की भूमिका डिस्कस (चर्चा), डिबेट (बहस) और डिसाइड (फैसला) करने की होती है। कभी-कभी ऐसे अवसर भी आते हैं जब इस प्रक्रिया में डिसेन्ट (मतभेद) का तत्व भी जुड़ जाता है लेकिन मतभेद की अभि व्यक्ति में भी विधायकों और सांसदों को डिकोरम (शिष्टता) बनाए रखना होता है। इन पांचों डी के मेल से ही सबसे बड़ी डी अर्थात् डिमाेक्रेसी सही मायनों में लोक-कल्याण की अपनी भूमिका का सम्यक् निर्वहन कर पाती है। राष्ट्रपति ने कहा कि उम्मीद है कि एसआरआई जैसी संस्थाओं की सहायता से सांसद और विधान सभा सदस्य अपनी सम्यक जिम्मेदारी का बेहतर निर्वहन कर सकेंगे।
समारोह में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार, लोकसभा के उपाध्यक्ष डॉ एम थंबीदुरई, संसदीय मामलों और जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री, संसद के सदस्य, संसद के पूर्व सदस्यों और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
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