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पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों के साथ मनाया जन्मदिन, बाल सुलभ अंदाज में किये सवाल-जवाब

वाराणसी/स्वदेश वेब डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नरउर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में ग्रामीण बच्चों के साथ 68वां जन्मदिन मनाया। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री एक-एक कक्षा में जाकर बच्चों से मिले और गर्मजोशी से बालसुलभ अंदाज में सवाल-जवाब किये। बेहद निजतापूर्ण माहौल में प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा जयन्ती की बधाई देने के बाद बच्‍चों को विश्वकर्मा होने का मायने भी समझाया।

प्रधानमंत्री ने जीवन में आगे बढ़ने के लिए कौशल्य, खेलकूद और परिश्रम के महत्व को बखूबी समझाया। उन्होंने कहा कि जो खेलता है वही खिलता है। जीवन में गिरने के बाद संभलने की नसीहत साइकिल चलाने के सीखने के उदाहरण से दी। प्रधानमंत्री ने बच्चों को प्रोत्साहित कर कहा कि सवाल पूछने में कभी कतराएं नहीं, ये सीखने की सबसे अच्‍छी प्रक्रिया है। सवाल-जवाब के दौरान प्रधानमंत्री से एक बच्चे ने पूछा कि आपको अंधेरे में जाने से डर लगता है तो प्रधानमंत्री ने कहा, हां कभी-कभी लगता है। स्मार्ट क्लास में प्रोजेक्टर पर मछली जल की रानी है.. कविता चल रही थी। इसे इंगित कर प्रधानमंत्री ने बच्चों से पूछा कि अगर जल से मछली को बाहर निकाल दिया जाय तो क्या होगा। इस पर बच्चों ने पूरी कविता सुना प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रधानमंत्री ने बच्चों के त्वरित जबाब की जमकर सराहना की।

इस दौरान सांसद आदर्श गांव नागेपुर की एक बच्ची ने प्रधानमंत्री से झट से पूछा कि आपने मेरे गांव को गोद तो लिया लेकिन कभी आए क्यों नहीं। इस मासूम सवाल पर प्रधानमंत्री मुस्कराते रहे। बच्ची के सिर पर दुलार से हाथ रख दो बच्चियों के कंधे पर हाथ रख क्लास रूम में चले गये।

इसके पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डीरेका से सड़क मार्ग द्वारा शाम साढ़े पांच बजे नरउर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। उत्सवी माहौल में शिक्षकों और बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। रेड कार्पेट पर चलकर प्रधानमंत्री विद्यालय परिसर में पहुंचे जहां बच्चों और शिक्षिकाओं ने स्वागत गान किया।

प्रधानमंत्री ने 'रूम टू रीड' प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई हैंगिग लाइब्रेरी,विद्यालय के स्मार्ट क्लास का भी निरीक्षण किया। इसके बाद स्मार्ट क्लास में बैठे चयनित 10 बच्चों से सवाल जवाब भी किये। बच्चों ने वेलकम सर कह कर प्रधानमंत्री का दिल जीत लिया। विद्यालय प्रांगण में प्रधानमंत्री के लिए एक कुर्सी लगाई गई थी। उनके सामने पांच स्कूलों के 200 बच्चे बैठे रहे। खास बात यह रही कि संवाद के दौरान बच्चों से मिले निष्छल प्रेम, समर्पण भाव और अतुलनीय सम्मान से प्रधानमंत्री अभिभूत रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने स्कूल से निकलते वक्त एक बच्चे को देखा, प्यार किया और अपनी जेब में से कलम निकालकर उस बच्चे को दे दिया। यह दृश्य देखकर पूरा स्कूल प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

इतिहास में दर्ज हो गया नरउर गांव का नाम

काशी विद्यापीठ ब्लॉक के नरउर गांव का नाम सोमवार की शाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। गांव के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानमंत्री से संवाद करने वाले बच्चों की जिंदगी में भी यह पल एक सुनहरा अध्याय बन गया। प्रधानमंत्री को अपने सामने देश बच्चे खुशी से उछल रहे थे। प्रधानमंत्री भी उनकी खुशी देख मंद-मंद मुस्कराते रहे। इस दौरान विद्यालय के चारों कक्षों का हुलिया भी बदली रही। दीवारों पर टीचिंग लर्निंग मेथड (टीएलएम) के आकर्षक चित्र बने रहे। कमरों में महात्मा गांधी, पं. नेहरू, डा. अम्बेडकर, सरदार पटेल, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह आदि महापुरुषों के चित्र करीने से लगाए गये थे।

पीएम के संदेश भी सजे

इनके अलावा 'मोदी जी का यही सपना-स्वच्छ सुंदर हो स्कूल अपना', 'हर व्यक्ति की यही पुकार-स्वच्छ देश हो अपना यार', 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ', 'स्कूल चले हम'... आदि संदेश विद्यालय की दिवारों पर लिखा था।

Updated : 18 Sep 2018 2:23 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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