Home > Lead Story > मीराबाई से लेकर अक्का महादेवी ने समाज सुधार और परिवर्तन को स्वर दिया : प्रधानमंत्री

मीराबाई से लेकर अक्का महादेवी ने समाज सुधार और परिवर्तन को स्वर दिया : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने महिला संत शिविर को संबोधित किया

मीराबाई से लेकर अक्का महादेवी ने समाज सुधार और परिवर्तन को स्वर दिया : प्रधानमंत्री
X

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को कहा कि नारी नीति, निष्ठा, निर्णय शक्ति और नेतृत्व की प्रतिबिंब होती है। वेदों ने आवाहन किया है कि नारियां सक्षम हों, समर्थ हों, और राष्ट्र को दिशा दें।

उन्होंने कहा कि उत्तर में मीराबाई से लेकर दक्षिण में संत अक्का महादेवी तक भारत की देवियों ने भक्ति आंदोलन से लेकर ज्ञान दर्शन तक समाज में सुधार और परिवर्तन को स्वर दिया है।प्रधानमंत्री ने कहा मैं देश की सभी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देता हूं। इस अवसर पर देश की आप महिला संतों और साध्वियों द्वारा इस अभिनव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।

सभ्यता, संस्कृति को भी जीवंत रखा -

उन्होंने कहा कच्छ की महिलाओं ने अपने अथक परिश्रम से कच्छ की सभ्यता, संस्कृति को भी जीवंत रखा है। कच्छ के रंग, विशेष रूप से यहां का हैंडीक्राफ्ट इसका बड़ा उदाहरण है। ये कलाएं और ये कौशल अब पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहा है।कच्छ की जिस धरती पर आपका आगमन हुआ है, वो सदियों से नारीशक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक रही है। यहाँ माँ आशापूरा स्वयं मातृशक्ति के रूप में विराजती हैं। यहां की महिलाओं ने पूरे समाज को कठोर प्राकृतिक चुनौतियों से जीना सिखाया, जूझना सिखाया है और जीतना सिखाया है।

नारी, नीति, निष्ठा, निर्णय शक्ति और नेतृत्व की प्रतिबिंब -

उन्होंने आगे कहा नारी, नीति, निष्ठा, निर्णय शक्ति और नेतृत्व की प्रतिबिंब होती है। इसलिए, हमारे वेदों ने, हमारी परंपरा ने ये आवाहन किया है कि नारियां सक्षम हों, समर्थ हों, और राष्ट्र को दिशा दें। हमने सहर्ष ईश्वरीय सत्ता को भी नारी के रूप में स्थापित किया है। जब हम ईश्वरीय सत्ता को स्त्री और पुरूष में देखते हैं, तो स्वभाव से ही पहली प्राथमिकता नारी सत्ता को देते हैं। फिर चाहे वो सीता-राम हो, राधा-कृष्ण हो, गौरी-गणेश हो या लक्ष्मी-नारायण हो।

कोई ग्राम देवी, कुल देवी आस्था का केंद्र -

उन्होंने कहा की इस देश में शायद ही ऐसा कोई गांव हो, शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो, जहां कोई न कोई ग्राम देवी, कुल देवी वहां की आस्था का केंद्र न हों। ये देवियां इस देश की उस नारी चेतना का प्रतीक हैं, जिसने सनातन काल से हमारे समाज का सृजन किया है।हमनें देश भर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाएं। महिलाओं को धुएं की तकलीफ से मुक्ति दिलाने के लिए देश ने उन्हें 9 करोड़ से अधिक उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिए। आज गांव गांव में महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर छोटे उद्योगों के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दे रही हैं। महिलाओं के पास कौशल की कोई कमी नहीं है, अब वही कौशल उनकी और उनके परिवार की ताकत बढ़ा रहा है।

उन्होंने कहा की स्टैंडअप इंडिया' के तहत 80 प्रतिशत से ज्यादा लोन महिलाओं के नाम पर हैं। मुद्रा योजना के तहत करीब 70 प्रतिशत लोन हमारी बहनों-बेटियों को दिए गए हैं।हमने मातृत्व अवकाश को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया। हमने वर्क प्लेस पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए हैं। बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों पर फांसी जैसी सजा का भी प्रावधान किया है।बेटे-बेटी को एक समान मानते हुए सरकार बेटियों के विवाह की आयु को 21 वर्ष करने का भी प्रयास कर रही है। आज देश सेनाओं में भी बेटियों को बड़ी भूमिकाओं को बढ़ावा दे रहा है, सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले की शुरुआत हुई है।

आप सभी का मुझ पर इतना स्नेह और आशीर्वाद रहा है, इसलिए मैं आपसे कुछ आग्रह करूंगा। कुपोषण के खिलाफ देश में चल रहे अभियान में आप बहुत बड़ी मदद कर सकती हैं।ऐसे ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान में भी आपकी बड़ी भूमिका है। बेटियां ज्यादा से ज्यादा संख्या में न केवल स्कूल जाएं, बल्कि पढ़ाई भी पूरी करें इसके लिए आपको उनसे लगातार बात करनी चाहिए।ऐसा ही एक विषय है वोकल फॉर लोकल का। आज दुनिया में वही देश चल सकता है, जो अपने पैरों पर खड़ा हो। इसलिए वोकल फॉर लोकल एक बहुत अहम विषय बन गया है।


Updated : 8 March 2022 2:11 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top