पीड़िता निर्भया की मां बोलीं - मेरी बच्ची की मौत से खिलवाड़ हो रहा है
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नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी। निर्भया मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनायी गयी है। उन चारों अभियुक्तों में से एक मुकेश सिंह ने कुछ दिन पहले दया याचिका दायर की थी।
गृह मंत्रालय ने निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को गुरुवार रात राष्ट्रपति के पास भेज दिया। मुकेश ने हाईकोर्ट से क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। वहीं, पीड़ित की मां आशा देवी ने शुक्रवार को कहा, "अब तक मैंने कभी भी राजनीति की बात नहीं की थी, लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि जो लोगों 2012 में सड़कों पर उतरे थे, आज वही लोग मेरी बेटी की मौत पर राजनीतिक फायदे के लिए खेल खेल रहे हैं।''
मुकेश ने दया याचिका का हवाला देकर ट्रायल कोर्ट से 22 जनवरी का डेथ वॉरंट रद्द करने की मांग की है। ट्रायल कोर्ट ने तिहाड़ प्रशासन से दोषियों को तय तारीख को फांसी दिए जाने की स्थिति पर शुक्रवार तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती है। अदालत ने मुकेश की दया याचिका पर फैसला न होने की दलील मानते हुए कहा कि राष्ट्रपति का फैसला जब तक नहीं आता है, तब तक फांसी नहीं दी जा सकती है। चूंकि राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले कम-से-कम 14 दिनों का वक्त मिलता है, ऐसे में डेथ वॉरंट में तय तारीख 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकेगी।
निर्भया की मां ने पीएम नरेंद्र मोदी से दोषियों को फांसी की सजा को जल्द अमल में लाने की मांग की है। उन्होंने कहा, 'मैं सबसे दूर होकर, सिर्फ हाथ जोड़कर कानून से अपना इंसाफ मांगा। लेकिन अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि जब 2012 में घटना हुई तो इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया, काली पट्टी बांधी और महिलाओं की सुरक्षा के लिए खूब रैलियां की और खूब नारे लगाए। लेकिन, आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि आपने रोक दिया, कोई कह रहा है कि हमें पुलिस दे दीजिए, मैं दो दिन में दिखाऊंगा। मैं अब जरूर कहना चाहूंगी कि ये अपने फायदा के लिए उनकी फांसी को रोके हैं और हमें इस बीच में मोहरा बनाया। इन दोनों लोगों के बीच में मैं पिस रही हूं। मैं यही कहना चाहती हूं, खासतौर पर प्रधानमंत्री जी से कि आपने 2014 में ही ये बोला था कि अब बुहत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार। तो मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि जिस तरह से आप दोबारा सरकार में आए हैं, जिस तरह से आपने हजारों काम किया तीन तलाक हटाए, अब कानून में संशोधन करिए क्योंकि कानून बनाने से नहीं होता है। मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए और उन चारों मुजरिमों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाइए और समाज को दिखाइए कि आप देश के रखवाले हैं। हम महिलाओं को सुरक्षा दे सकते हैं।'
#WATCH Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Till now, I never talked about politics, but now I want to say that those people who held protests on streets in 2012, today the same people are only playing with my daughter's death for political gains. pic.twitter.com/FvaC89TwKI
— ANI (@ANI) January 17, 2020
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