कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ीं, अब व्यवसाइयों ने की केस वापस लेने की मांग
कांग्रेस नेताओं पर दर्ज केस वापस लेने और फिर मायावती की धमकी पर एसएसटी एक्ट के विरोध में हुए आंदोलन में दर्ज केस वापस लेने की कर चुके हैं घोषणा
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ग्वालियर। प्रदेश सरकार में सत्ता हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री बने कमलनाथ की स्पीड कुछ ज्यादा ही तेज है। लेकिन उनकी यही स्पीड कहीं उनके राह में रोड़ा ना बन जाए ऐसा लगने लगा है।मुख्यमंत्री बनने के बाद लगातार फैसले लेते जा रहे कमलनाथ ने भाजपा शासनकाल में कांग्रेसियों पर दर्ज किये गए केस वापस लेने की घोषणा कर दी थी। घोषणा होते ही बीएसपी प्रमुख मायावती ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों को 2 अप्रैल को एससीएसटी एक्ट के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे वापस नहीं लेने पर समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी। कमलनाथ को इसे भी स्वीकार करना पड़ा। अब ग्वालियर के सोना-चांदी व्यापारियों ने उनके ऊपर 2016 में दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने की मांग उठाई है।
मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री पी सी शर्मा एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से 29 मार्च 2016 को ग्वालियर के सोना- चांदी व्यवसाइयों पर दर्ज किये गए केस वापस लेने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2016 के आम बजट में सोना-चांदी व्यवसाईयों पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में ग्वालियर के सोना-चांदी व्यवसाइयों ने 29 मार्च 2016 को आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर रायरू पर आंदोलन किया था जिसके विरोध में पुलिस ने व्यवसाइयों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किये थे। अब व्यापारियों की संस्था चेंबर ऑफ कॉमर्स ने दो साल पुराने प्रकरण वापस लेने की मांग की है।
चेम्बर के अध्यक्ष अरविन्द अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष यश गोयल, उपाध्यक्ष सुरेश बंसल, मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव जगदीश मित्तल एवं कोषाध्यक्ष गोकुल बंसल ने कहा कि व्यवसाइयों पर लगाई गई एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी के विरुद्ध 29 मार्च 2016 के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के अंतर्गत ग्वालियर के सोना-चांदी व्यवसाइयों द्वारा भी 10 बजे से 12 बजे तक दो घंटे आंदोलन किया गया था जो पूरी तरह शान्तिपूर्वक था। आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर रायरू पर किये गए इस आंदोलन की पूर्व सूचना भी एडीएम को दे दी गई थी उसके बाद भी पुरानी छावनी थाना पुलिस ने व्यवसाइयों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिए। चेंबर पदाधिकारियों ने कहा कि पहले भी कई बार पिछली सरकार से मुकदमे वापस लेने का अनुरोध किया गया था लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने मांग की कि जैसे मुख्यमंत्री ने अन्य मुकदमे वापस लेने का फैसला लिया है ऐसे ही ग्वालियर के सोना-चांदी व्यवसाइयों पर दर्ज किये गए मुकदमे भी वापस लिए जाएं। अब देखना ये है कि मुख्यमंत्री इन व्यवसाइयों पर दर्ज मुकदमे वापस लेते हैं कि नहीं और यदि मुकदमे वापस लेते हैं तो आगे ये मानसिकता बनाकर चलना होगा कि बहुत जल्दी कोई और संगठन या संस्था मुकदमा वापस लेने की मांग कर सकता है ।
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