Home > Lead Story > श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : मंदिर में बिना भक्तों के मना जन्मोत्सव, घर-घर जन्में कान्हा

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : मंदिर में बिना भक्तों के मना जन्मोत्सव, घर-घर जन्में कान्हा

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : मंदिर में बिना भक्तों के मना जन्मोत्सव, घर-घर जन्में कान्हा
X

लखनऊ/मथुरा। उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी के दूसरे दिन भी अजन्मे का अर्धरात्रि में प्राकट्य हुआ। ब्रज क्षेत्र में तो कान्हा ने आज घर-घर जन्म लिया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के समय मथुरा जन्मस्थान समेत पूरे ब्रज क्षेत्र में मुसलाधार बारिश से कान्हा का देवराज इंद्र ने भी जलाभिषेक किया।

रात के ठीक बारह बजते ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान बधाइयों से गूंजने लगा। पूजा स्थलों पर शंखध्वनि गूजने लगी। महिलाएं सोहर गीत गाने लगीं। कान्हा के प्रगट होते ही लोग खड़े होकर उनका स्वागत करने लगे। चारों तरफ मंगलगीत सुनाई देने लगे। पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।

बिना भक्तों के मनाया गया जन्मोत्सव

मथुरा के इतिहास से शायद यह पहला मौका है, जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बिना भक्तों के मनाया गया। कोरोना संक्रमण के चलते देवालयों में जन्मोत्सव का पूरा अनुष्ठान सिर्फ वहां रहने वाले संतों और सेवादारों की उपस्थिति में हुआ। बाकि श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य का आनलाइन दर्शन और पूजन किया। वहीं ब्रज क्षेत्र के घरों में भी आज मध्यरात्रि में कान्हा का जन्म हुआ। घर-घर बधाई के गीत गाये गये। कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर पूरे ब्रज क्षेत्र में आज गजब का उत्साह है।

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर इस बार का जन्मोत्सव कुछ मायनों में अलग दिखा। गंगा-यमुना के अलावा पहली बार सरयू के पवित्र जल से प्रभु का अभिषेक हुआ। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास कल शाम ही अयोध्या से सरयू जल लेकर मथुरा पहुंच गये थे। उन्होंने ही पवित्र जल से भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक किया। दरअसल महंत नृत्य गोपाल दास श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के भी अध्यक्ष हैं। वह हर वर्ष इस कार्यक्रम में मथुरा आते हैं।

जन्माष्टमी का पर्व तीन दिन मनाया जा रहा

योगिराज भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के रोहिणी नक्षत्र में होता है। लेकिन, इस वर्ष अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं मिल रहा है। ऐसे में जन्माष्टमी का पर्व तीन दिन मनाया जा रहा है। अष्टमी तिथि के चलते गृहस्थ लोगों ने मंगलवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया, जबकि मथुरा समेत प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के वैष्णव संतों ने बुधवार को जन्मोत्सव मनाया। वहीं रोहिणी नक्षत्र मानने वाले साधक 13 अगस्त को भगवान का जन्मोत्सव मनाएंगे।

मथुरा के अलावा राजधानी लखनऊ में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बुधवार को ही मनाया गया। इस अवसर पर राजधानी के रिजर्व पुलिस लाइन में मंदिर परिसर में झांकी सजाई गई। इस्कॉन मंदिर में ऑनलाइन संकीर्तन हुआ। कोरोना के कारण मंदिरों में श्रद्धालुओं के आने पर रोक रही, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसारण किया गया।

Updated : 13 April 2024 1:01 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top