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गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश कर रहा है विपक्ष

गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश कर रहा है विपक्ष
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नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को राफेल युद्धक विमान का मुद्दा फिर गरमा गया और विपक्षी सदस्यों ने इस रक्षा सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) गठित करने की मांग की। वहीं, सत्तापक्ष ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सदन में बहस हो चुकी है और विपक्ष नाहक गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश कर रहा है।

शुक्रवार को लोकसभा में जब प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सदस्य एक अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र की प्रति लहराते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। समाचार पत्र में राफेल युद्धक विमान सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप को लेकर रक्षा मंत्रालय के एक तत्कालीन अधिकारी की आपत्ति से संबंधित पत्र प्रकाशित हुआ था। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और टीडीपी सदस्यों के हंगामे के कारण अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जरूरी दस्तावेज पटल पर रखने की कार्यवाही पूरी कराई। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस, टीडीपी के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करते रहे। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का जिक्र करते हुए कहा कि जेपीसी द्वारा ही इस मामले की जांच कर वास्तविकता सामने लाई जा सकती है। वहीं, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मामले को उठाते हुए कहा कि इस मुद्दे पर बार-बार चर्चा की जरूरत नहीं है। अब जेपीसी जांच ही इसका समाधान है।

संसदीय कार्यमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष की ओर से संसद के पिछले सत्र में ही राफेल मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई थी, जिसको सरकार ने स्वीकार किया था। रक्षा मंत्री ने भी विस्तृत जवाब दिया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले में 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो गया है।

सदन में मौजूद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कहा कि राफेल युद्धक विमान सौदे में गड़बड़ी के आरोपों पर सदन में चर्चा हो चुकी है और सरकार ने जवाब भी दे दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सौदे के बारे में अपना फैसला भी सुना दिया है और यह मुद्दा अब समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, विपक्ष गड़े मुर्दे उखाड़ने का काम कर रहा है।

रक्षामंत्री ने कहा कि समाचार पत्र में जो खबर छपी है वह अधूरी है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय के उप सचिव का पत्र प्रकाशित करने के साथ ही समाचार पत्र को तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का जवाब भी छापना चाहिए था।

सीतारमण ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह रक्षा निर्माण के क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों खेल रही है इसलिए वह राफेल सौदे के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय किसी भी सौदे या परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करता रहता है और इसे हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता। किंतु, विपक्ष रक्षामंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और सदन में हंगामा जारी रहा। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही महाजन ने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भैरो प्रसाद मिश्र, अजय मिश्र, चिंतामणि मालवीय और कीर्ति आजाद समेत कई सदस्यों ने इस दौरान लोक महत्व के मामले सदन में उठाए। शून्यकाल की कार्यवाही पूरी होने के बाद सदन में वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट तथा लेखानुदान मांगों पर चर्चा शुरू हो गई।

Updated : 8 Feb 2019 9:30 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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