सरकारी खजाने पर पहला हक गरीबों का - अरुण जेटली
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नई दिल्ली। वित्तमंत्री और वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी नेता अरुण जेटली ने कहा कि सरकारी खजाने पर पहला अधिकार गरीबों का है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि आर्थिक नीतियों के कारण देश में जो समृद्धि आ रही है उसका फायदा सबसे अधिक गरीबों को मिले।
लोकसभा चुनाव-2019 के बारे में अपनी आलेख श्रृंखला की आठवीं कड़ी में जेटली ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और उपलब्धियों का ब्योरा दिया। उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर सरकार के 14 बड़े फैसलों का उल्लेख किया जिनके कारण अर्थव्यवस्था में नए युग की शुरुआत हुई। इन फैसलों के कारण भारत दुनिया में सबसे तेज रफ़्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन सका। सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई जिसे जन कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया गया। उन्होंने कहा कि जनादेश हासिल करने के बाद इस प्रक्रिया को आगे भी जारी रखा जाएगा।
भाजपा नेता ने देश में 90 के दशक में आर्थिक सुधार शुरू करने का श्रेय पीवी नरसिंहराव का दिया तथा इस सम्बन्ध में तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह का कोई भी उल्लेख नहीं किया। उनके अनुसार आर्थिक सुधार एक मजबूरी थे तथा उस समय कांग्रेस पार्टी के नेता इस सम्बन्ध में उत्साहित नहीं थे। यही कारण है कि इस पार्टी ने नरसिंहराव की उपलब्धियों को पूरी तरह नकार दिया।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान करों को तर्कसंगत बनाया गया, वित्तीय अनुशासन का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया, दूरसंचार के क्षेत्र में सुधार किये गए और आधारभूत ढांचे के विकास की शुरुआत की गयी। बाद के दस वर्षों में मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान नारे बहुत दिए गए लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुया। इस सरकार ने "अधिकारों" का पिटारा खोल दिया लेकिन इस बात की चिंता नहीं की कि इन अधिकारों को हकीकत बनाने के लिए संसाधन अर्जित किये जाएँ।
वित्तमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सुधारों के दूसरे चरण की शुरुआत की जिससे करों में क्रमशः कमी आयी, साथ ही करों का दायरा बढ़ने से सरकार के राजस्व में इजाफा हुया। इस धन को सामाजिक की विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया गया।
जेटली ने मोदी सरकार के काला धन विरोधी उपायों का जिक्र करते हुये कहा कि देश में ऐसा कानूनी ढांचा निर्मित किया गया जिससे आर्थिक अपराधियों को कठघरे में खड़ा किया जा सके।
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