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कांग्रेस की प्रवृत्ति संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने की: मोदी

कांग्रेस की प्रवृत्ति संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने की: मोदी
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प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां अंदावा में 4048 करोड़ की 366 परियोजना का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने जनसभा में अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि तप, तपस्या, संस्कृति, संस्कार की धरती तीर्थराज प्रयाग के जन-जन को मेरा सादर प्रणाम। जब भी प्रयागराज आने का अवसर मिलता है तो मन और मस्तिष्क में एक अलग ही ऊर्जा का संचार होता है।

इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं की यह प्रवृत्ति रही है। इस प्रवृत्ति में देश की संवैधानिक संस्थाओं को पार्टी के आगे हाथ बांधे खड़ा रहने पर मजबूर किया जाता है। जो झुकता नहीं उसे तोड़ने की कोशिश की जाती है। ये उनकी राजशाही सोच है जो उन्हें निष्पक्ष संस्थाओं को बर्बाद करने को उकसाती रहती है।

उन्होंने कहा कि इस बात को प्रयागराज और यूपी के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है कि कांग्रेस को न्याय-पालिका क्यों पसंद नहीं है ? यूपी के लोग वो दिन याद करें जब इस पार्टी की सर्वोच्च नेता द्वारा यहां जनमत को अपमानित करने काम किया गया था ? क्या ये लोकतंत्र का अपमान नहीं था? इसी मनमानी की वजह से हमारे देश की न्याय प्रणाली को भी कमजोर करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि इसका सिर्फ एक कारण था कि न्याय-पालिका उन संस्थाओं में से एक रही है जो इस पार्टी के भ्रष्ट और निरंकुश तरीकों के खिलाफ खड़ी रहती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली पार्टी ने हमेशा ही खुद को हर कानून, न्याय-पालिका, संस्था और यहां तक कि देश से भी ऊपर माना है। देश की हर उस संस्था को इस पार्टी ने बर्बाद कर दिया जो उसकी मर्जी से नहीं चली। उसके इशारों पर काम करने, झुकने को तैयार नहीं हुई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयागराज वो जगह हैं जिसे उत्तर प्रदेश में न्याय का मंदिर भी कहा जा सकता है। कुछ समय से जिस तरह एक बार फिर न्यायपालिका पर दबाव का खेल शुरू हुआ है, उस स्थिति में देश को को सतर्क किया जाना आवश्यक है।

ये लोग हर संस्था को बर्बाद करने का प्रयास करने के बाद अब लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं। लेकिन ये साबित कर रहा है कि ये खुद को, देश, लोकतंत्र, न्याय-पालिका और यहां तक कि लोगों के भी ऊपर समझते हैं। अभी दो दिन पहले भी हम इसका एक और उदाहरण देख चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में ही हमने देखा कि कैसे उन्होंने न्याय-पालिका के सर्वोच्च न्यायमूर्ति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की कोशिश की। जजों को डराने धमकाने की ये कोशिश उनकी पुरानी सोच का हिस्सा रही है।

कुंभ सिर्फ श्रद्धा नहीं देश की प्रतिष्ठा का भी सवाल

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ पर्व हमें जोड़ता है, ये पर्व गांव और शहर को एक करता है,एक भारत-श्रेष्ठ भारत की सही तस्वीर यहां दिखती है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि यहां आने वाले हर अतिथि का ध्यान रखें। ये आयोजन सिर्फ श्रद्धा नहीं देश की प्रतिष्ठा का भी सवाल है। उन्होंने कहा कि कुंभ में आने वाले करोड़ों लोगों के साथ ही करोड़ों विचारों का प्रवाह भी भारत को समृद्ध और सशक्त बनाता रहा है। कुंभ का पर्व भारत और भारतीयता का सबसे बड़ा प्रमाण है। ये पर्व भाषा, भूषा और भिन्नता को खत्म कर एक होने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करने में जुटी है कि ये आयोजन दर्शनीय, दार्शनिक और दिव्य बने। सरकार का पूरा प्रयास है कि यहां भारत के गौरवशाली अतीत के दर्शन और वैभवशाली भविष्य की झलक दुनिया को दिखने को मिले।

प्रयागराज में हुए विकास कार्यों का किया जिक्र

उन्होंने कहा कि 1700 करोड़ रुपये की लागत से बने सीवेज-ट्रीटमेंट प्लांट्स से शहर के करीब एक दर्जन नालों को सीधे गंगा जी में बहने से रोका जा सकेगा। वहीं नमामि-गंगे परियोजना में करीब डेढ़ सौ घाटों का सौंदर्यीकरण किया जाना है। इसमें से करीब 50 घाटों का काम पूरा हो गया है।

उन्होंने कहा कि त्रिवेणी की शक्ति का एक बड़ा स्रोत हैं मां गंगा। मां गंगा स्वच्छ हों, निर्मल हों,अविरल हों,इसके लिए सरकार तेज गति से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है उसमें गंगाजी की सफाई और यहां के घाटों के सुंदरीकरण से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट भी शामिल हैं।

सरकार का प्रयास है कि इस बार अर्धकुंभ में तप से तकनीक तक के हर पहलू का अनुभव दुनियाभर के लोगों को मिल सके। अध्यात्म, आस्था और आधुनिकता की त्रिवेणी कितनी भव्य और बेजोड़ हो सकती है, इसका अनुभव लेकर लोग यहां से जाएं, इसकी कोशिश की जा रही है।

रिकार्ड समय में बना प्रयागराज एयरपोर्ट का नया टर्मिनल

प्रधानमंत्री ने प्रयागराज एयरपोर्ट के नए टर्मिनल को लेकर कहा कि इस नए टर्मिनल को रिकॉर्ड एक साल के भीतर बनाया गया है। इस टर्मिनल से यात्रियों की सुविधा तो बढ़ेगी ही, देश के कई शहरों से प्रयागराज की कनेक्टिविटी भी बढ़ जाएगी।उन्होंने कहा कि कुंभ को ध्यान में रखकर रेलवे मंत्रालय इस बार भी अनेक नई ट्रेनें चलाने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उन्होंने शहर के बड़े फ्लाईओवर, रेलवे-ओवरब्रिज और अंडरपास, बिजली व पेयजल की जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया है उससे यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर और क्नेक्टिविटी दोनों ही सुधरेगी। सरकार ने कुंभ के दौरान कनेक्टिवटी से लेकर यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास प्रयागराज तक आने वाले हर रास्ते को मजूबत करने का, सुधारने का है। चाहे वो रेलमार्ग हो, एयर कनेक्टिविटी हो या फिर सड़कों को सुधारने की बात हो।

श्रद्धालु कर सकेंगे अक्षय वट के दर्शन

इस बार अर्धकुंभ में सभी श्रद्धालु अक्षय वट के दर्शन कर सकेंगे। कई पीढ़ियों से ये अक्षयवट किले में बंद था। लेकिन इस बार यहां आने वाला हर श्रद्धालु स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त कर सकेगा।

उन्होंने कहा कि भारत किस प्रकार बदल रहा है, नया भारत कैसे पौराणिकता और आधुनिकता को समेट रहा है, उसकी झलक कुंभ में मिलने वाली है। आप सभी प्रयागवासियों से आग्रह है कि हम आधुनिकता से अध्यात्म को, विकास से विश्वास को और सहूलियत से श्रद्धा को जोड़कर कुंभ को सफलतम आयोजन बनाएं।

पहली बार भव्यता-दिव्यता के लिए जाना जायेगा कुंभ: योगी

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हजारों वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब दुनिया के 70 से अधिक देशों के राजदूतों ने स्वयं कुंभ क्षेत्र एवं मानवता के सबसे बड़े संगम का दर्शन किया है।

आज का दिन हमारे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं कुंभ मेले का प्रारम्भ करते हुए गंगा पूजन किया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज का यह कुम्भ प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पहली बार अपनी भव्यता एवं दिव्यता के लिए जाना जायेगा। कुंभ से पहले यहां जो भी काम हो रहा है वो प्रधानमंत्री की परिकल्पना है, जिसे आज पूरा किया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से यूनेस्‍को ने अमूर्त धरोहर के रूप में कुम्‍भ को शामिल किया है। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने किले के अंदर अक्षयवट का दर्शन किया।

Updated : 5 Jan 2019 9:07 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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