Home > Lead Story > मप्र में सरकार पर संकट के बादल के बीच कमलनाथ बोले - हमारे नेता सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं

मप्र में सरकार पर संकट के बादल के बीच कमलनाथ बोले - हमारे नेता सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं

मप्र में सरकार पर संकट के बादल के बीच कमलनाथ बोले - हमारे नेता सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं
X

भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल अब भी मंडरा रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ यह दिखाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं कि उनकी सरकार में सबकुछ ठीक है और किसी तरह की कोई टूट-फूट की आशंका नहीं है। शुक्रवार को भी उन्होंने कहा कि हमारे जो नेता हैं, वे बिकाऊ नहीं हैं।

सीएम कमलनाथ ने कहा, 'हमारे नेता सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं। हमें अपनी राजनीति की ऐसी पहचान बनानी है कि हमें उस पर गर्व हो। ऐसी पहचान बनाएं कि हम छाती ठोंककर कह सकें कि हम मध्य प्रदेश से हैं।' उन्होंने कहा, 'यहां जो नेता हैं, वे बिकाऊ नहीं हैं।'

बता दें कि मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच पिछले दो दिनों से चल रही विधायकों को तोड़ने की कोशिश गुरुवार रात तक सियासी जंग में तब्‍दील हो गई। शाम को कांग्रेस के एक 'लापता' विधायक ने इस्‍तीफा दे दिया। इसके ठीक बाद बीजेपी के दो विधायक सीएम कमलनाथ के सरकारी आवास पहुंच गए। हालांकि बीजेपी के जिन संजय पाठक पर कमलनाथ से मुलाकात का आरोप लग रहा था, उन्होंने सफाई देते हुए कहा है कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है और वह बीजेपी छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले।

इसके अलावा कमलनाथ सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी कमलनाथ सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। सिसोदिया ने कहा, 'कमलनाथ जी की सरकार को संकट तब होगा जब सरकार हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की उपेक्षा या अनादर करेगी। तब निश्चित तौर से सरकार पर जो काला बादल छाएगा वह क्या करके जाएगा मैं नहीं कह सकता।'

मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक मंगलवार को शुरू हुई जो बुधवार तक तेज हो गई। 10 विधायकों को गुरुग्राम के होटल में ठहराने के बाद कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे और मध्य प्रदेश में 'ऑपरेशन लोटस' की चर्चा तेज हो गई। इस बीच कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। एक ओर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया तो शिवराज ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस में इतने गुट हैं कि आपस में ही मारामारी मची हुई है।

मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। 2 विधायकों का निधन होने से वर्तमान में 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। इसके अलावा 4 निर्दलीय विधायक, 2 बीएसपी (एक पार्टी से निलंबित) और 1 एसपी विधायक का भी समर्थन मिला हुआ है। इस तरह कांग्रेस के खेमे में फिलहाल 121 विधायक हैं, वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है। अगर 10 विधायक पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो जाएं तो विधानसभा में बीजेपी का आंकड़ा 117 यानी बहुमत से एक सीट ज्यादा हो जाएगा। ऐसे में मध्य प्रदेश की मौजूदा सरकार के गिरने का खतरा मंडरा रहा है।

Updated : 6 March 2020 2:31 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top