Home > Lead Story > आजकल अनुशासन को 'निरंकुशता' करार दिया जाता है : प्रधानमंत्री

आजकल अनुशासन को 'निरंकुशता' करार दिया जाता है : प्रधानमंत्री

आजकल अनुशासन को निरंकुशता करार दिया जाता है : प्रधानमंत्री
X

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यवस्था में अनुशासन के महत्व को प्राथमिकता देते हुए कहा कि आजकल अनुशासन को 'निरंकुशता' करार दिया जाता है।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की पुस्तक 'मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड' के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि किसी भी व्यवस्था में अनुशासन सर्वोपरि है। उन्होंने उपराष्ट्रपति की अनुशासनप्रिय कार्यशैली का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी दायित्व के सफलता पूर्वक निर्वहन के लिए नियमबद्ध कार्यप्रणाली अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति और व्यवस्था दोनों के लिए यह लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि वेंकैया अनुशासन का स्वयं भी पालन करते हैं और दूसरों को भी इसके पालन के लिए प्रेरित करते हैं । किंतु आज हमारे देश की स्थिति ऐसी है कि अनुशासन को अलोकतांत्रिक कह देना बड़ा सरल हो गया है।

मोदी ने कहा कि वेंकैया जी की पुस्तक उपराष्ट्रपति के रूप में उनके अब तक के अनुभवों का संकलन तो है ही इसके माध्यम से उन्होंने एक साल के कार्यकाल का ब्यौरा भी जनता के सामने पेश कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने नायडू को स्वभावतः किसान बताते हुए कहा कि उनके विचारों में हमेशा देश के गांव, किसान और कृषि का खास स्थान रहता है। इसका उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार का गठन हो रहा था तो उन्होंने प्रधानमंत्री से ग्रामीण विकास मंत्रालय का दायित्व देने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि गांवों को शहरों से जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का श्रेय वेंकैया जी को जाता है।

Updated : 2 Sep 2018 6:18 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top