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लोकसभा 2019: सौदेबाजी के लिए अपना दल व सुभासपा का मोदी के कार्यक्रम का बहिष्कार

लोकसभा 2019: सौदेबाजी के लिए अपना दल व सुभासपा का मोदी के कार्यक्रम का बहिष्कार
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शनिवार को उ.प्र. के गाजीपुर तथा वाराणसी संसदीय क्षेत्रों में शिलान्यास व उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल के नेताओं के नहीं जाने को लोकसभा चुनाव में भाजपा से अधिक सीटें झटकने के उपक्रम के तौर पर देखा जा रहा है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इस कार्यक्रम के बहिष्कार के लिए जो तर्क दे रहे हैं वह केवल फेस सेविंग के लिए दे रहे हैं। उनका कहना है कि गाजीपुर के कार्यक्रम का जो निमंत्रण पत्र मिला है उसमें महाराज सुहेलदेव का नाम अधूरा है और यह कार्य भाजपा व उसके नेताओं ने जान-बूझकर किया है। इसलिए इस कार्यक्रम से सुभासपा दूर रहेगी। इधर अपना दल ने प्रधानमंत्री के वाराणसी वाले कार्यक्रम के बहिष्कार के पीछे तर्क दिया है कि भाजपा व केन्द्र सरकार उनकी पार्टी को वाजिब हक नहीं दे रही है। इसीलिए इस पार्टी के नेता उनके वाराणसी वाले कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं। अपना दल ने आगामी लोकसभा चुनाव में वाराणसी व अन्य कई लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करने की धमकी भी दिया है। इस बारे में पूर्वांचल के वरिष्ठ पत्रकार वशिष्ठ नारायण का कहना है कि गाजीपुर संसदीय सीट व उसके आसपास के कई लोकसभा व विधानसभा सीटों पर राजभर जाति के मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है। इतनी कि किसी भी पार्टी के प्रत्याशी की जीत-हार को प्रभावित कर सकते हैं। इसी के मद्देनजर इस जाति के मतदाताओं को पटाने और अपने पाले में लाने के लिए भाजपा ने गाजीपुर में राजभर जाति के सम्मान के प्रतीक महाराज सुहेल देव की प्रतिमा लगाने की योजना बनाई है।

इसे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा व उसके नेताओं द्वारा अपने समाज के राजभर वोट बैंक में सेंध लगाने के तौर पर लिया है। इसलिए विरोध करने के लिए यह उस कार्यक्रम का बायकाट किये हैं। इसके अलावा इनकी कोशिश भाजपा पर दबाव बनाकर लोकसभा चुनाव में दो सीटें लेने की है। इसी तरह से अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल की कोशिश अपने पति को उ.प्र. सरकार में मंत्री बनाने तथा लोकसभा की 5 सीटें लेने की है। इसका दबाव बनाने के लिए अपना दल ने प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी कार्यक्रम में नहीं शामिल होने तथा आगामी लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय क्षेत्र में अपना प्रत्याशी खड़ा करने की बात कही है। यह सच है कि अपना दल का आधार वोट बैंक कुर्मी / पटेल की संख्या वाराणसी में लगभग 02 लाख है। इसी तरह से मिर्जापुर, भदोही, इलाहाबाद, बाराबंकी लोकसभा क्षेत्रों में भी कुर्मी मतदाताओं की संख्या अधिक है। यदि ये एकजुट होकर अपना दल के अपनी जाति के उम्मीदवार को वोट दिये, तो इन सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा को बहुत नुकसान हो सकता है। इसलिए भाजपा से सौदेबाजी के लिए अपना दल के अनुप्रिया पटेल व उनके पति तथा सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर उसी तरह से दबाव बना कर अधिक से अधिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिस तरह से लोजपा के रामविलास पासवान ने दबाव बनाकर भाजपा से लोकसभा की 06 और राज्यसभा की एक सीट झटक ली है। इस बारे में एआईसीसी सदस्य अनिल श्रीवास्तव का कहना है कि ओमप्रकाश राजभर और अनुप्रिया पटेल, दोनों की ही जाति के मतदाताओं की संख्या वाराणसी, गाजीपुर, घोसी, मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर और इलाहाबाद में किसी भी चुनाव को प्रभावित करने वाली, हार-जीत का निर्णय कराने वाली है। इसलिए कोई भी पार्टी इस जाति के मतदादाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। राजभर और अनुप्रिया इसका भरपूर लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि भाजपा इन दोनों जाति को लुभाने, अपने पाले में लाने का उपक्रम कर रही है। पेंच यहीं फंस रहा है।

Updated : 5 Jan 2019 9:39 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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