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विलियम नॉर्डहॉस और पॉल रोमर को अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार

विलियम नॉर्डहॉस और पॉल रोमर को अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। जलवायु और नवोन्मेष को आर्थिक वृद्धि के साथ जोड़ने वाले अमेरिकी अर्थशास्त्री विलियम नॉर्डहॉस और पॉल रोमर को संयुक्त रूप से इस वर्ष का अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार विजेता घोषित किया गया है। पुरस्कार देने वाली समिति ने सोमवार को इन दोनों अर्थशास्त्रियों के नाम की घोषणा की। पुरस्कार देने वाली रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के अनुसार नॉर्डहॉस येल विश्वविद्याल में प्रोफेसर हैं, जबकि रोमर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस से जुड़े हैं।

बयान में कहा गया है कि इन दोनों अर्थशास्त्रियों ने 'हमारे समय के कुछ ज्वलंत प्रश्नों के समाधान प्रस्तुत किए हैं, जो बताते हैं कि हम किस तरह अपनी आर्थिक वृद्धि को लंबे समय तक निरंतर मजबूत बनाए रख सकते हैं। दोनों अर्थशास्त्रियों ने आर्थिक विश्लेषण के लिए एक ऐसे मॉडल का निर्माण किया है जो इसके दायरे का विस्तार करता है। यह मॉडल बताता है कि कैसे बाजार अर्थव्यवस्था प्रकृति एवं ज्ञान के साथ अंतर्संबंध स्थापित करती है।

सतहत्तर वर्षीय नॉर्डहॉस को यह पुरस्कार 'जलवायु परिवर्तन के दीर्घकालिक वृहद आर्थिक विश्लेषण के साथ संबंध स्थापित करने के लिए विशेष तौर पर दिया गया है। जबकि 62 वर्षीय रोमर को 'प्रौद्योगिकी नवोन्मेष के दीर्घावधि में वृहद आर्थिक विश्लेषण के साथ संबंध स्थापित करने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है। हाल के वर्षों में दोनों लोग नोबल पुरस्कारों की दौड़ में आगे रहे हैं। दोनों अर्थशास्त्रियों को संयुक्त तौर पर 90 लाख स्वीडिश क्रोनॉर (10.1 लाख डॉलर या 8,60,000 यूरो) की इनामी राशि दी जाएगी। पिछले साल अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर को दिया गया था। उन्हें लोकप्रिय 'नज सिद्धांत का सह-जनक माना जाता है। उनका सिद्धांत दर्शाता है कि कैसे लोगों को आर्थिक निर्णय के लिए राजी किया जा सकता है जो उन्हें स्वस्थ्य और खुश बनाए रखे।

अर्थशास्त्र में दिया जाने वाला नोबल पुरस्कार, अल्फ्रेड नोबल की वसीयत के अनुसार स्थापित अन्य पांच नोबल पुरस्कार की तरह नहीं है। इस पुरस्कार की स्थापना स्वीडन के केंद्रीय बैंक रिक्सबैंक ने 1968 में अलग से की। बैंक की तीसरी शताब्दी के मौके पर इस पुरस्कार की स्थापना की गई और 1969 में पहली बार अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार दिया गया।

नोबल की मूल वसीयत के अनुसार रसायन शास्त्र, भौतिक शास्त्र, साहित्य, शांति और औषिधि जैसे पांच क्षेत्रों में वार्षिक आधार पर नोबल पुरस्कार दिया जाता है। पहली बार यह पुरस्कार 1901 में दिए गए। इनामी राशि के अलावा नोबल पुरस्कार के तहत एक प्रशस्ति पत्र और स्वर्ण पदक भी दिया जाता है। इसे 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित होने वाले एक आधिकारिक कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा। अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार की घोषणा के साथ ही 2018 के नोबल पुरस्कारों की घोषणा पूरी हो गई।

Updated : 8 Oct 2018 5:57 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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