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लंबे समय से फुटबॉल बने हुए है थोक फल और सब्जी विक्रेता, बार-बार इधर से उधर लुढक़ाए जा रहे

लंबे समय से फुटबॉल बने हुए है थोक फल और सब्जी विक्रेता, बार-बार इधर से उधर लुढक़ाए जा रहे
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लंबे समय से फुटबॉल बने हुए है थोक फल और सब्जी विक्रेता, बार-बार इधर से उधर लुढक़ाए जा रहे

गुना। शहर में लंबे समय से थोक फल और सब्जी विक्रेता फुटबॉल बने हुए है। उन्हे बार-बार इधर से उधर लुढक़ाया जा रहा है। नीचला बाजार से उनका जो लुढक़ना शुरु हुआ था तो वह अभी भी बदस्तूर बना हुआ है, जबकि नीचला बाजार से उन्हे लुढक़े हुए लगभग छह माह हो चुके है। एक बार फिर उन्हे खदेड़ दिया गया है। इस बार दशहरा मैदान गोपालपुरा से नानाखेड़ी मंडी भेजा गया है। जहां विक्रेता जाने को तैयार नहीं है। उनका साफ कहना है कि उक्त स्थान पर मंडी सजाने के लिए न तो पर्याप्त जगह है और न सुविधाएं। ऐसे में अगर उन्हे जबर्रदस्त वहंा भेजा जाता है तो वह हड़ताल कर देंगे। दूसरी ओर प्रशासन ने रविवार को विक्रेताओं को गोपालपुरा मैदान पर मंडी नहीं सजाने दी। इसके चलते विक्रेता अपनी समस्या लेकर प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महैन्द्र सिंह सिसौदिया के पास पहुँचे और उन्हे गुहार लगाई। जिस पर सिसौदिया ने प्रशासन से चर्चा कर समस्या का हल निकालने की बात कही है।

छह माह से चल रहा है खेल

यूं तो शहर के नीचला बाजार में लगने वाली थोक, फल और सब्जी मंडी को यहां से स्थानांतरित करने की बात पिछले कई सालों से चल रही है और इस दौरान कई बार इसको लेकर कवायद भी की गईं, किन्तू दृढ़ संकल्प एवं योजना के अभाव में कोई भी कवायद परवान नहीं चढ़ पाई, किन्तु पिछले करीब छह माह से तो थोक, फल और सब्जी विक्रेताओं का तमाशा ही बन गया है। छह माह पहले नीचला बाजार से मंडी को हटाकर नानाखेड़ी में स्थानातंरित करने की बात कहीं। तत्कालीन प्रशासन ने इसको लेकर तैयारियां भी कर ली और जबर्रदस्त विक्रेताओं को यहां भेज भी दिया, किन्तू सभी विक्रेता यहां नहीं पहुँचे। बात वही थी, जगह की कमी और सुविधाओं का अभाव। बाद में विक्रेताओं को अस्थाई रुप से दशहरा मैदान गोपालपुरा में मंडी सजाने की जगह दे दी गई।

कीचड़ और गंदगी के बीच किया व्यवसाय

गोपालपुरा में जगह की भलें ही कमी न हो, किन्तु सुविधाओं का यहां भी खासा अभाव रहा। जिससे विक्रेताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। सबसे ज्यादा समस्या बारिश के दौरान हुई। जब पूरा मैदान कीचड़़ और गदंगी में तब्दील हो गया। ऐसे में इसी कीचड़ और गदंगी के बीच विक्रेताओं को व्यवसाय करना पड़ा। जिससे संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ा रहा। गंभीर बात यह है कि यह उस समय रहा, जब कोरोन वायरस का संक्रमण फैल रहा था।

नए स्थान पर भी जगह नहीं, सुविधाओं का टोटा

दशहरा मैदान गोपालपुरा पर विक्रेता समस्याओं को बावजूद जमने का प्रयास कर रहे थे। इसी बीच उन्हे यहां से भी खदेड़ दिया गया। विक्रेताओं को नानाखेड़ी मंडी के सामने ईएंडएम के खाली मैदान पर जगह दी गई है। नगर पालिका ने यहां भूखंड वितरण की प्रक्रिया भी शुरु कर दी है, किन्तु विक्रेता यहां जाने को तैयार नहीं है । उनका कहना है कि यहां न तो पर्याप्त जगह है और न अन्य सुविधाएं। वाहनों के लिए पार्किंग भी नहीं है और बिजली-पानी भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यहंा मंडी सजाना संभव नहीं है। गौरतलब है कि मंडी में जगह की कमी इसलिए भी पड़ती है, की प्रत्येक विक्रेता ज्यादा से ज्यादा जगह कब्जाना चाहता है। जो बड़े कारोबारी है, वह पूरी मंडी पर अपना दबदबा रखना चाहते है। इसके साथ लायसेंस के आधार पर जगह का वितरण न होकर रसूख के आधार पर किया जाता है। जिससे समस्या बढ़ती है।

हम यातायात नगर जाने को तैयार, सुविधाएं जुटाएं

अपनी समस्या को लेकर विक्रेताओं ने रविवार को प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महैन्द्र सिंह सिसौदिया से गुहार लगाई। विक्रेताओं ने मंत्री से कहा कि उनके लिए पूर्व में यातायात नगर के पीछे की जमीन तय की गई थी। वह वहां जाने को तैयार है। उक्त जमीन का आवंटन मंडी के लिए कराकर वहां सुविधा जुटाईं जाएं। इसके साथ ही जब तक वहां पर व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब तक अस्थाई रुप से वर्तमान स्थल दशहरा मैदान गोपालपुरा में ही मंडी सजाने की अनुमति मिलनी चाहिए।

Updated : 13 Sep 2020 2:50 PM GMT
author-thhumb

स्वदेश गुना

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