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अगर आप पेनाल्टी नहीं देना चाहते है तो इस तारीख से पहले जमा करें आयकर

अगर आप पेनाल्टी नहीं देना चाहते है तो इस तारीख से पहले जमा करें आयकर
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आयकर के पुराने विवादों को बिना पेनाल्टी खत्म करने का मौका दिया है। 31 मार्च 2020 तक कोई भी डिफाल्टर बिना पेनाल्टी आयकर चुका कर विवाद खत्म कर सकता है। यानी 31 मार्च 2020 के बाद लाभ उठाने वाले को कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। योजना केवल 30 जून 2020 तक खुली।

केंद्र सरकार की इस योजना से अकेले उत्तराखंड में ही 20 हजार के करीब ऐसे करदाताओं को राहत मिलेगी, जिन्हें पुराने आयकर के मामलों में नोटिस या पेनाल्टी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि बड़ी संख्या में आयकर के केस अपील और न्यायालयों में भी चल रहे हैं। ऐसे सभी मामलों को अब आयकर जमा कर खत्म किया जा सकता है।

दरअसल सरकार पिछले साल केंद्रीय उत्पाद एवं सेवा शुल्क के पुराने मामलों को खत्म करने के लिए सबका विश्वास नाम की योजना लेकर आई थी, जिसके तहत पुराने टैक्स को बिना पेनाल्टी जमा करने की छूट दी गई थी। इस योजना को देश भर में कारोबारियों ने हाथों हाथ लिया। बड़ी संख्या में टैक्स के पुराने विवाद खत्म हुए और सरकार को राजस्व भी मिला।

इसे देखते हुए अब आयकर डिफाल्टरों के लिए भी सबका विश्वास योजना लाई गई है। योजना के तहत भी आयकर चुकाकर पुराने विवाद खत्म किए जा सकते हैं। 31 मार्च 2020 इसकी अंतिम तिथि तय की गई है। योजना को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड जल्द नोटिफिकेशन करेगा जिसके बाद इसके सभी पहलू सामने आएंगे।

हो सकता है कि सरकार पुराना आयकर जमा करने पर छूट भी दे। हालांकि अभी यह तय नहीं है। टैक्स अधीक्षक तापस चक्रवर्ती ने बताया बजट में आयकर डिफाल्टरों के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है।

मंत्रालय के अनुसार विभिन्न अर्धन्यायिक मंचों, अपीलीय न्यायाधिकरणों और न्यायिक मंचों के तहत सेवाकर और उत्पाद शुल्क के कुल मिलाकर 3.6 लाख करोड़ रुपये की देनदारी वाले 1.83 लाख मामले लंबित हैं। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना का लाभ उठाने के पात्र इन 1.84 लाख करदाताओं में से 31 दिसंबर 2019 की सुबह तक 1,33,661 करदाताओं ने आवेदन जमा कराए हैं।

आवेदन करने वाले इन करदाताओं पर 69,550 करोड़ रुपये का कर बकाया है। योजना के तहत राहत पाने के बाद इन्हें 30,627 करोड़ रुपये का कर भुगतान करना होगा। मंत्रालय का कहना है कि सबका विश्वास योजना को करदाताओं ने अब तक की सबसे फायदे वाली योजना के तौर पर माना है। सरकार ने अब तक ऐसी जितनी भी योजनाओं की घोषणा की, उनमें यह सबसे ज्यादा पसंद की गई।

टैक्स अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कारपोरेट टैक्स चोरी को संगीन अपराध की श्रेणी से हटाने का निर्णय लिया है। कारपोरेट टैक्स न देना अभी तक क्रिमिनल ऑफेंस था जिसे अब सरल किया जा रहा है।

Updated : 3 Feb 2020 4:30 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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