भारत में 1 फीसदी लोग करते है 58 प्रतिशत संपत्ति पर नियंत्रण, क्या 34 साल बाद फिर लगेगा इन्हेरिटेंस टैक्स ?
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नईदिल्ली/वेब डेस्क। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वर्ष 2019-20 के बजट में एस्टेट ड्यूटी या इन्हेरिटेंस टैक्स को फिर से 34 साल बाद लगाया जा सकता है। सरकार द्वारा नए निवेश के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए अब एस्टेट ड्यूटी या इन्हेरिटेंस टैक्स फिर से लाने पर विचार कर रही है। इन्हेरिटेंस टैक्स दरअसल पैतृक संपत्ति पर सरकार द्वारा लिया जाता है। इसे 1985 में खत्म कर दिया गया था।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नीति आयोग में जमीन से जुड़े मामलों के अध्यक्ष टी हक का कहना है कि भारत में अभी 1 फीसदी लोग 58 प्रतिशत संपत्तियों पर नियंत्रण करते हैं इन पर एस्टेट ड्यूटी या इन्हेरिटेंस टैक्स लगाया जाना चाहिए। आर्थिक पक्ष को देखें तो वर्तमान में भारत में टैक्स-जीडीपी का अनुपात कम है, इसे बढ़ाना बेहद जरूरी है। इससे भारत में सामाजिक असमानता घटाने में जरुर मदद मिलेगी।
सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार पिछले दो महीनों में जीएसटी कलेक्शन औसतन करीब 14,000 करोड़ रूपए कम हुआ है। वहीं अप्रैल 2019 में कुल जीएसटी का कलेक्शन 1,13,865 करोड़ था जबकि मई 2019 में 1,00,289 हो गया और जून 2019 में घटकर 99,939 करोड़ रह गया । सरकार अब टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए नए विकल्पों पर विचार कर रही है जिससे सरकारी खजाने को ज्यादा नुक्सान न हों और महत्वाकांक्षी योजनायें सुचारू रूप से चलती रहें।
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