Home > देश > पश्चिम बंगाल बन रहा है अवैध हथियारों का नया ठिकाना

पश्चिम बंगाल बन रहा है अवैध हथियारों का नया ठिकाना

पश्चिम बंगाल बन रहा है अवैध हथियारों का नया ठिकाना
X

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले बदमाशों को सप्लाई करने के लिए लाया गया हथियारों का एक बड़ा जखीरा पकड़ते हुए दो शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह पश्चिम बंगाल से लाकर दिल्ली एनसीआर के बदमाशों को सप्लाई किए जाने थे। दो अलग अलग ऑपरेशन में पकड़े गए तस्करों के पास से दो कार्बाइन, 50 पिस्टल, एक दर्जन से ज्यादा मैगजीन और पचास कारतूस बरामद किये गए हैं।

पुलिस का दावा है कि हथियार निर्माताओं ने अपना केन्द्र मुंगेर (बिहार) से बंगाल शिफ्ट कर दिया है। ऐसे में हथियारों की यह खेप मालदा से ही दिल्ली पहुंची थी। स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि हमारी टीमें पिछले काफी समय से हथियारों के सौदागरों की धरपकड़ में लगी हुई थीं, इसी बीच सेल की नॉर्दर्न और साउथ वेस्टर्न रेंज की टीम को दिल्ली में हथियारों के सौदागरों के हथियारों के साथ आने की सूचना मिली थी।

एक ऐसी ही सूचना पर एसीपी मनोज दीक्षित की टीम ने तारा चौक, धीरपुर के पास ट्रेप लगाकर अजीमुद्दीन उर्फ शेख उर्फ अजीम उर्फ अकील निवासी मालदा पश्चिम बंगाल को उस समय दबोचा जब यह किसी हाजी कयूम को हथियार देने पहुंचा था। इसके पास से मिले बैग से दो ऑटोमेटिक कार्बाइन, 38 पिस्टल और 50 कारतूस बरामद किये गए। एक दूसरी सूचना पर एसीपी संजय दत्त की टीम ने सिंघोला, जीटी करनाल रोड पर सीएनजी स्टेशन के पास ट्रेप लगाकर सोयम उर्फ आस मोहम्मद को गिरफ्तार किया। तलाशी लेने पर इसके पास मौजूद बैग से 12 अत्याधुनिक पिस्टल, 19 मैगजीन बरामद हुई।

पकड़े गए अजीमुद्दीन ने पुलिस को बताया कि वह मालदा के किसी अकील के लिए काम करता है। वह अकील के इशारे पर दिल्ली एनसीआर, उ. प्र. और हरियाणा में हथियारों को सप्लाई करता है। अजीम हथियारों की यह खेप हाजी कयूम को देने दिल्ली आया था। सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए वह ट्रेन से आउटर सिग्नल पर ही ट्रेन से उतर गया था। उधर आस मोहम्मद अपने गांव के ही किसी सरवर के लिए हथियार सप्लाई करता है। सरवर से हथियार खरीदने वाले देशभर में मौजूद हैं।

ज्यादा मार्जन के चलते कार्बाइन का रिस्क

पुलिस सूत्रों के अनुसार इन तस्करों को मालदा से पिस्टल दस से पंद्रह हजार में मिल जाती है, जिसे यह आगे 25,30 और 50 हजार रुपए तक में सप्लाई करते हैं जबकि एक से डेढ़ लाख में मिलने वाली कार्बाइन पर इन्हें करीब एक लाख रूपये तक का मार्जन मिल जाता है। डिमांड के अनुसार यह हथियार मंगवाकर सप्लाई करते हैं। दिल्ली के किसी अपराधी की डिमांड पर यह कार्बाइन सप्लाई के लिए लाई गई थी।

कार्बाइन बड़ी होने के चलते उसके पकड़े जाने का खतरा जयदा होता है, लेकिन मार्जिन ज्यादा होने के कारण यह रिस्क लेकर सप्लाई करते हैं।

निर्माताओं ने मुंगेर से बदला ठिकाना

पुलिस के अनुसार पकड़े आरोपितों से हुई पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि लगातार पुलिस की धरपकड़ के चलते हथियार निर्माताओं ने हथियार बनाने के ठिकानों को बिहार के मुंगेर से हटाकर बंगाल के मालदा जिले में शिफ्ट कर दिया है, ताकि पुलिस की नजर से बचा जा सके। सेल की टीमें मुंगेर और मध्य प्रदेश के बने हथियार लगातार पकड़ रही थी। यह पहली बार है जब मालदा के हथियार इतनी बड़ी संख्या में पकड़े गए हैं।

Updated : 11 Aug 2018 8:38 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top