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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की आधी-अधूरी तैयारी पर जताई नाराजगी

सांसदों-विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमों को तेज़ी से निपटाने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की आधी-अधूरी तैयारी पर जताई नाराजगी
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नई दिल्ली। सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमों के तेज़ी से निपटारे के लिए स्पेशल कोर्ट बनाये जाने के मामले पर केंद्र सरकार के अधूरे जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष जताया है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार की तैयारी अधूरी है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई पांच सितंबर तक के लिए टाल दी।

गुरुवार को केंद्र को बताना था कि कितने स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बने हैं? सांसदों और विधायकों के कितने केस फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर हुए हैं। पिछले 21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि जनप्रतिनिधियों के मुकदमों के निपटारे के लिए कितने स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बने हैं ? कोर्ट ने पूछा कि सांसदों औऱ विधायकों के खिलाफ कितने केस लंबित हैं ?

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से दिनेश द्विवेदी ने कहा था कि अगर लोगों के मौलिक अधिकारों का हननन होता है तो सुप्रीम कोर्ट को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जो उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले होते हैं उनके जीतने की उम्मीद बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों से ज्यादा होती है। उन्होंने कहा था कि कोर्ट संसद को परमादेश नहीं दे सकता है तो वो निर्वाचन आयोग को परमादेश जारी करे। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा था कि चुनाव लड़ने की चाहत रखने वाले आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की तस्वीर या होर्डिंग उसी तरह लगवा देनी चाहिए जैसे सिगरेट के पैकेट पर चेतावनी जारी की जाती है।

नौ अगस्त को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि कानून बनाना संसद का काम है। कोर्ट के आदेश से कानून को नहीं बदला जा सकता है जबकि याचिकाकर्ताओं ने कहा कि राजनीतिक दल अपराधियों को बाहर करने पर गंभीर नहीं हैं।

Updated : 30 Aug 2018 10:01 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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