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बिहार : कोरोना के कारण कोचिंग बंद कराने गई प्रशासन की टीम पर छात्रों ने किया हमला

3 पुलिसकर्मी घायल

बिहार : कोरोना के कारण कोचिंग बंद कराने गई प्रशासन की टीम पर छात्रों ने किया हमला
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पटना। देश के अन्य राज्यों के साथ बिहार में भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से बढ़ रही है। सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत सभी शिक्षण संस्थान और कोचिंग सेंटर्स को बंद करने के निर्देश दिए है। जिला प्रशासन द्वारा सभी जगह गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। इसी कड़ी में आज रोहतास जिले में प्रशासन गाइडलाइन का पालन कराने के लिए सासाराम कोचिंग सेंटर को बंद कराने पहुंची। इस दौरान शासन की टीम पर छात्रों और संचालकों ने हमला बोल दिया। इस हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

छात्रों ने कोचिंग बंद करने के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय में घुसकर यहां तोड़फोड़ की एवं यात्री शेड को आग के हवाले कर दिया। छात्रों ने यहां दो घंटे तक कार्यालय से लेकर सड़कों तक हंगामा किया। साथ ही शहर में कई जगहों पर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाई। हंगामा कर रहे छात्रों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने फायरिंग की है। हालांकि पुलिस ने फायरिंग की बातों को अफवाह बताया है। तोड़फोड़ की इस घटना में तीन पुलिस कर्मी घायल हुए। वहीँ 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है

उपद्रवी छात्रों पर मुकदमा दर्ज -

पुलिस का कहना है कि स्थिति को काबू में कर लिया गया है। उपद्रवी छात्रों को चिन्हित किया जा रहा है। उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपद्रव के दौरान कई छात्रों ने चेहरे पर नकाब लगा लिया था। वे टोली बनाते हुए शहर के अलग-अलग मोहल्लों में घुसने लगे। प्रदर्शनकारियों का उत्पात देख स्थानीय लोगों ने दुकानें बंद कर लीं। यही नहीं लोगों ने घरों का दरवाजा और खिड़कियों को भी बंद कर लिया था।

सरकार के फैसले पर जाहिर की नाराजगी-

इससे पहले शैक्षणिक संस्थानों को बंद किये जाने से कोचिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार ने रविवार को आक्रोश जाहिर किया था। राज्य सरकार के फैसले से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा गया कि शिक्षण संस्थान नियमों का पालन करते हुए सब कुछ कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार हमेशा शैक्षणिक संस्थानों को टारगेट कर रही है। इससे बिहार की शिक्षा समाप्त हो जाएगी। कोचिंग एसोसिएशन ऑफ़ भारत (बिहार) के तत्वावधान में रविवार को बैठक हुई। इसमें पटना, दानापुर से लेकर फतुहा से आए सैकड़ों शिक्षकों ने एक स्वर में सरकारी फरमान के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए यह संकल्प लिया कि छात्रों के हितों की रक्षा के लिए कोचिंग संस्थान खुले रखेंगे। एसोसिएशन के सचिव सुधीर सिंह समेत सभी शिक्षकों ने सरकार से गुहार लगाई कि समाज के सबसे सुलझे शिक्षक समुदाय के ऊपर अनर्गल और थोपे गए आदेश को शीघ्र निरस्त करें।

ये है बिहार सरकार की नई गाइडलाइन -

  • सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधिक्षक सुनिश्चित करेंगे कि कार्यस्थल, धार्मिक स्थल, शॉपिंग माॅल, होटल, रेस्टोरेंट आदि का संचालन केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश कड़ाई से अनुपालन करेंगे।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थान जैसे-फूड कोर्ट, जलपान गृह, सब्जी मंडी, बस स्टैंड, रेहड़ी आदि स्थानों पर लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिक से अधिक पुलिस की तैनाती की जाएगी।
  • पांच अप्रैल से खुलने वाले सभी शैक्षिणक संस्थान जिसमें-स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट अब 12 अप्रैल को खुलेंगे।
  • सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार के आयोजनों पर सरकारी व निजी पर रोक रहेगी। उक्त रोक विवाह, श्राद्ध एवं पारिवारिक कार्यक्रम पर लागू नहीं होगा।
  • श्राद्ध में 50 और शादी में कम से कम 100 और अधिकतम 250 लोग प्रशासनिक अनुमति के बाद ही शामिल हो सकते हैं। साथ ही, कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा अन्यथा इंडियन एपिडेमिक एक्ट (Indian Epidemic Act) तहत कार्रवाई की जाएगी।
  • सरकारी ऑफिस में सामान्य लोगों के प्रवेश पर रोक रहेगी। कार्यालय प्रधान अपने विवेक से अपने ऑफिस का समय व उपस्थिति निश्चित करेंगे। यह व्यवस्था 30 अप्रैल तक जारी रहेगी।
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट में अधिकतम पचास फीसदी क्षमता से ज्यादा किसी भी परिस्थिति में नहीं रहने दिया जाएगा। यह व्यवस्था 15 अप्रैल तक लागू रहेगी। जिला प्रशासन सुनिश्चित करें कि कोविड नियमों का पालन किया जाए।

Updated : 12 Oct 2021 10:48 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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