Home > देश > पहली बार छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से विषय पढ़ने की आजादी मिली : राष्ट्रपति

पहली बार छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से विषय पढ़ने की आजादी मिली : राष्ट्रपति

पहली बार छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से विषय पढ़ने की आजादी मिली : राष्ट्रपति
X

नईदिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में पहली बार छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से विषय पढ़ने की आजादी दी गई है। किसी पाठ्यक्रम के बीच में भी विषय और स्ट्रीम बदलने का विकल्प दिया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ नौकरी की प्रक्रियाएं आसान करने और व्यवस्थित करने पर भी उनकी सरकार का जोर है। ग्रुप सी और ग्रुप डी में साक्षात्कार समाप्त करने से युवाओं को बहुत लाभ हुआ है। सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन करके नौजवानों को नियुक्ति के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं देने की परेशानी से मुक्त किया है।

कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी की वैश्विक आवश्यकताओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की है। राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी सरकार ने प्रधानमंत्री ई-विद्या के अंतर्गत, स्कूली शिक्षा के लिए दीक्षा ऑनलाइन पोर्टल को वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया है। विद्यार्थियों के हितों के लिए संवेदनशील मेरी सरकार ने जेईई और नीट परीक्षाओं का भी सफल आयोजन कर उनका एक साल व्यर्थ होने से बचाया है।"

उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि सबसे ज्यादा वंचित वर्गों की सामाजिक और आर्थिक विकास की यात्रा, गुणवत्तायुक्त शिक्षा से आरंभ होती है। सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ ऐसे ही 3 करोड़ 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिल रहा है। इनमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, वनवासी एवं जनजातीय वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। कोविंद ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा पात्र और ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ मिले। इसके साथ ही, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में केंद्र सरकार के हिस्से को भी बढ़ाया जा रहा है। इसी प्रकार जनजातीय युवाओं की शिक्षा के लिए हर आदिवासी बहुल ब्लॉक तक एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल के विस्तार का काम किया जा रहा है। अब तक इस प्रकार के साढ़े पांच सौ से ज्यादा स्कूल स्वीकृत किए जा चुके हैं।




Updated : 12 Oct 2021 11:02 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top