मुकुल वासनिक होंगे अगले संगठन महासचिव!
नई दिल्ली/विशेष संवाददाता। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान की जीत ने कांग्रेस को संजीवनी दे दी है। बरसों बाद कांग्रेस मुख्यालय में रौनक जैसे लौटती नजर आने लगी है वहीं कार्यकर्ता व पदाधिकारियों में उमड़ता जोश सातवें आसमान पर दिखने लगा है। तभी कांग्रेस प्रवक्ताओं ने भाजपा को धूल चटाने की ठान ली है। शुक्रवार को पार्टी के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर पार्टी मुख्यालय में हुई कोर समूह की बैठक में मिशन-2019 के लिए कांग्रेस ने कर गुजरने की बात पर जोर दिया है। पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक देर तक पदाधिकारियों से मंत्रणा करते नजर आए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी वासनिक से औपचारिक मुलाकात की। दोनों नेताओं ने पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल से भी औरपचारिक मुलाकात की। इस बीच चर्चा पार्टी के संगठन महासचिव पद को लेकर जोरों से है कि आखिर ताकतवर अशोक गहलोत का रूतवा किसे मिलने वाला है। क्या उनके उत्तराधिकारी मुकुल वासनिक ही अगले संगठन महासचिव होंगे? या फिर गुलाम नबी आजाद या उत्तर प्रदेश कोटे से पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी। वैसे पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी इस पंक्ति में शुमार बताए जाते हैं। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्णय को अधिकाधिक रूप से अभी गहलोत के नाम से ही मीडिया या किसी दूसरे मंच तक पहुंचाया जा रहा है।
राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद अब इस जिम्मेदारी को कौन ठीक तरह से निर्वहन कर पाएगा, इस पर गांधी ने अभी फैसला नहीं किया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक गहलोत दो दिन से दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। समझा जाता है कि तीनों राज्यों में सरकार गठन के बाद बढ़तेे विरोध के सुरों पर विराम लगाने के लिए राहुल गांधी ने गहलोत से मंत्रणा की है। राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पायलट स्थाई समाधान बनकर निकले हैं तो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कद्दावर नेता जातिगत समीकरण बिठाते हुए अपनी-अपनी बिसात बिछा रहे हैं। तीनों राज्यों में किसान कर्जा माफी के बाद गडबड़ाए बजट असंतुलन ने पार्टी को सोचने पर मजबूर किया है। कर्नाटक में असंतुष्टों ने नाक में दम कर दिया है। फिर लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग राज्यों में गठबंधन के लिए मित्र तलाशती कांग्रेस के लिए साथी दलों के साथ सामंजस्य बिठाना तराजू से मेढ़क तौलने के समान है।
कांग्रेस के एक प्रवक्ता का कहना है कि तीन राज्यों में प्रवक्ताओं ने जिस तरह भाजपा प्रवक्ताओं से लोहा लिया, काबिलेगौर है। पार्टी अध्यक्ष ने इन प्रवक्ताओं से कहा है कि वे आम चुनावों में भाजपा से विचारधारा की लड़ाई में पुरजोर तरीके से हमलावर रहने को कहा है।