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देश की आधी आबादी को कमजोर मोबाइल नेटवर्क से नपुंसकता का खतरा

देश की आधी आबादी को कमजोर मोबाइल नेटवर्क से नपुंसकता का खतरा
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नई दिल्ली। देश के किसी भी क्षेत्र में कमजोर मोबाइल नेटवर्क की वजह से देश की आधी आबादी को नपुंसकता का खतरा सता रहा है। मोबाइल में सिग्नल कमजोर होने की समस्या उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर के साथ बिहार, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली व अन्य राज्यों के ग्रामीण इलाकों में सर्वाधिक है।

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के डॉक्टरों ने शोध में पाया है कि नेटवर्क कम होने के दौरान मोबाइल चलाने से नपुंसकता के अलावा हृदय रोग, कैंसर एवं तनाव जैसी बीमारियां हो सकती हैं। नेटवर्क में मोबाइल इस्तेमाल को रोकने के साथ कंपनियों को पर्याप्त नेटवर्क देने का सुझाव शीघ्र ही केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी है।

उल्लेखनीय है कि मोबाइल रेडिएशन को लेकर आइसीएमआर ने अब देश में सबसे बड़े सर्वे की शुरुआत की है, जो कई वर्ष तक चलता रहेगा। इस दौरान शोधकर्ताओं को पता चला कि कमजोर नेटवर्क होने पर मोबाइल इस्तेमाल के दौरान स्पेशफिक एब्जॉर्बशन रेट (एसएआर) बढ़ जाती है। इससे से रेडिएशन अधिक होने लगता है।

देश में आधे से अधिक आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, जहां कंपनियां जानबूझकर टावरों से पर्याप्त फ्रीक्वेंसी रिलीज नहीं करतीं। इसके अलावा रोज लाखों लोग रेल, बस, कार व अन्य वाहनों से यात्रा करते हैं। इन्हीं लोगों को सर्वाधिक नेटवर्क की समस्या से अधिक जूझना पड़ता है। ऐसे लोगों के लिए कमजोर नेटवर्क होने के बावजूद भी कॉल, संदेश, सोशल साइट्स के इस्तेमाल, इंटरनेट सर्फिंग व ई-कार्यों के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करना मजबूरी हो जाती है। कोई भी इसका प्रयोग फ्रीक्वेंसी वाले किसी दूसरे यंत्र के सामने बैठकर करते हैं तो यह और भी घातक हो सकता है।

एसएआर वैल्यू बढऩे से होता है अधिक रेडिएशन

मोबाइल नेटवर्क टॉवरों की दूरी बढऩे, रेंज बदलने व फ्रीक्वेंसी कम आने से डिस्टर्ब होते हैं और वह हीट होने लगता है। फलस्वरूप एसएआर वैल्यू बढ़ जाती है। जिससे वह अधिक रेडिएशन का उत्सर्जन करने लगता है। देश में 1।6 वॉट/किग्रा से अधिक एसएआर वाले मोबाइल प्रतिबंधित हैं। 2016 के बाद सभी मोबाइल में इसकी अनिवार्यता की गई है। एसएआर दर पता करने के लिए अपने मोबाइल से *07प्त डायल किया जा सकता है।

ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या सर्वाधिक

आइसीएमआर, दिल्ली के प्रोफेसर सत्यम ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या अधिक है। इसके अलावा यात्रा के दौरान टावरों की रेंज बदलने व दूसरे टॉवर से फ्रीक्वेंसी यानि सिग्नल पाने के लिए मोबाइल जब अधिक काम करता है तो एसएआर दर बढ़ जाती है। इससे रेडिएशन अधिक होने लगता है। यह काफी चिंताजनक है। कमजोर नेटवर्क में मोबाइल का प्रयोग कम करें।

Updated : 22 Sep 2018 2:44 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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