ईवीएम के खिलाफ साजिश के तहत अभियान चलाने वालों पर हो राष्ट्रद्रोह का मुकदमा
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नई दिल्ली/वेब डेस्क। राज्यसभा सदस्य आर.के. सिन्हा ने राज्यसभा में ईवीएम पर पिछले कुछ महीनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय मीडिया के जरिए सवाल उठाए जाने का मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित खबरों को पढ़ने, सुनने के बाद ऐसा लगता है कि भारतीय राजनीति के कुछ प्रभावशाली लोग भारत के अंदर और बाहर भी देश की छवि धूमिल करने के कार्य में संलिप्त हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि ऐसे लोगों का पता लगाकर उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला चलाया जाना चाहिए।
सिन्हा ने सोमवार को राज्यसभा में लोकमहत्व के विषय से जुड़े नियम 180(क) के तहत इस मामले को उठाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लंदन स्थित कुछ कंपनियां और बड़ी फर्में वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले मेगा एपिसोड आयोजित कर ईवीएम की सत्यता पर सवाल उठा रही थीं और इसके बारे में संदेह पैदा कर रही थीं। वे भारत के मजबूत लोकतंत्र और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थानों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन चुनाव को प्रभावित करने की तमाम असफल कोशिश के बाद ये लोग अचानक गायब हो गए। इनके टीवी चैनल और सोशल मीडिया ग्रुप भी गायब हो गए।
भाजपा सांसद ने कहा कि इन लोगों ने अपने विभाजनकारी एजेंडे को सफल बनाने के लिए न सिर्फ इस तरह के अनेकों आयोजन करवाए बल्कि मीडिया, सोशल मीडिया और माननीय अदालतों में गलत आवेदन डालकर बड़े स्तर पर देश की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। उन्होने कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और हमारे महान संस्थान उनके मूल्यों और व्यवस्थाओं के व्यापक सबूत हैं, जिनकी न सिर्फ चुनाव दर चुनाव बल्कि हर दिन ही जनता द्वारा परीक्षा ली जाती है।
सिन्हा ने केंद्र सरकार और विशेषकर गृहमंत्री से आग्रह किया कि जो लोग देश को नुकसान पहुंचाने वाली इन ताकतों के साथ हैं, जो देश के बाहर ऐसी गतिविधियों की फंडिंग करते हैं और इनके षड्यंत्र का हिस्सा बनते हैं, सख्त जांच कर उनकी पहचान की जानी चाहिए और सरकार द्वारा उनके खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के अपराध में देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। (हि.स.)
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